नई दिल्ली : केंद्र ने राज्यों को कहा कि पांबदियों को हटाना और राहत देना अहम है लेकिन इसे ध्यानपूर्वक किया जाना चाहिए और कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने 28 जून को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि एकरूपता लाने के लिए जरूरी है कि पाबंदियों को लागू करने या ढील देने के मौजूदा ढांचे का अनुपालन जारी रहे, जो बीमारी के बोझ और स्वास्थ्य आधारभूत अवसंरचना पर आधारित है, यह अब भी महत्वपूर्ण है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ( MOHFW) ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों सहित 15 राज्यों को कोविड की पॉजिटिव दर को 10 फीसद से नीचे रखने के लिए कहा है.
भूषण ने उन लक्षित कार्यों को भी सूचीबद्ध किया है जिन्हें राज्यों द्वारा लागू करने की जरूरत है जिनमें जिले को प्रशासन इकाई मानकर मामलों की नियमित निगरानी और नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाने और स्वास्थ्य अवसरंचना को अद्यतन बनाने का कार्य शामिल है.
आरटी पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने का सुझाव
उन्होंने कहा कि संक्रमण दर की गणना सप्ताह में जांचे गए कुल नमूनों में संक्रमितों के आधार पर किया जाना चाहिए जो जिले में संक्रमण के फैलने का एक अहम संकेतक है. उच्च संक्रमण दर होने पर सख्त निषिद्ध और पांबदी नियमों को लागू किया जाना चाहिए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने आरटी पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया.
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पत्र में उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रत्येक जिले को उपलब्ध बिस्तरों के अनुपात में भर्ती मरीजों का विश्लेषण करना चाहिए ताकि उपलब्ध स्वास्थ्य अवंसरचना का आकलन किया जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि उनपर भारी दबाव न आ जाए और मरीजों की भर्ती सुनिश्चित हो सके. अधिक बिस्तरों पर मरीजों की भर्ती संकेत है कि जिले को उपलब्ध बिस्तरों को अपग्रेड करने के लिए खास कदम उठाने की जरूरत है जबकि संक्रमण को नियंत्रित करने के कार्य भी तेजी से करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अवंसचना को अद्यतन करने में काफी समय लगता है (महीना या इससे ज्यादा) इसलिए जिले को नियमित आधार पर मामलों का विश्लेषण कर और मरीजों की संख्या में संभावित वृद्धि का आकलन कर इस अवसंरचना को उन्न्त करने की योजना बनानी चाहिए.