नई दिल्ली : स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चुनावी राज्यों को सलाह (Health experts advise election states) दी है कि सामाजिक दूरी सुनिश्चित करें और रैली में लोगों की संख्या सीमित करें. साथ ही कहा कि इस नाजुक समय में कोविड-19 दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का गंभीर परिणाम हो सकता है.
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में 10 फरवरी से सात मार्च तक, सात चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. मतगणना 10 मार्च को होगी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर आयोग ने पांच राज्यों में 690 विधानसभा सीट पर कोविड से सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नए प्रोटोकॉल तैयार किए हैं.
स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों ने आगाह किया कि देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर इस नाजुक समय में नियमों के किसी तरह के उल्लंघन का गंभीर परिणाम हो सकता है. उजाला साइगनस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक निदेशक डॉ सचिन बजाज ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल द्वारा लोगों के बीच पहुंच कर चुनाव प्रचार नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें ऑनलाइन रैली करना चाहिए.
बजाज ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो. जब विवाह समारोह में लोगों की उपस्थिति 20 व्यक्ति तक सीमित की जा रही है तो राजनीतिक रैली में शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी चुनाव आयोग द्वारा सीमित की जानी चाहिए.