चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस में जारी उथल-पुथल के बीच पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री की सत्ता को बार-बार कमजोर करने की कोशिशों का अंत होना चाहिए. उनकी यह टिप्पणी नवजोत सिंह सिद्धू की घोषणा के बाद आई है.
जाखड़ ने यह भी कहा कि राज्य के महाधिवक्ता और राज्य पुलिस प्रमुख के चयन पर लगाए जा रहे आरोप वास्तव में मुख्यमंत्री की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं. बता दें कि सिद्धू ने पुलिस महानिदेशक और राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्तियों पर सवाल उठाए थे.
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जाखड़ ने ट्वीट किया कि बहुत हो गया. मुख्यमंत्री के अधिकारों को बार-बार कमतर करने के प्रयासों को समाप्त करें. एजी और डीजीपी के चयन पर लगाए जा रहे आक्षेप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की ईमानदारी/ क्षमता पर सवाल उठा रहा है. जिन्हें परिणाम देने के लिए लाया गया है. अब समय दृढ़तापूर्वक अपनी बात कहने और कठिन स्थिति को सुलझाने का है. मुख्यमंत्री पद के लिए जाखड़ दौड़ में सबसे आगे थे लेकिन पार्टी ने बाद में चन्नी को चुना.
गौरतलब है कि सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के बाद, जाखड़ ने पूर्व क्रिकेटर पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया था. जाखड़ ने ट्वीट किया था कि इस पूरे 'प्रकरण' में जिस बात से समझौता किया गया है, वह है कांग्रेस नेतृत्व द्वारा (निवर्तमान?) पीसीसी अध्यक्ष पर व्यक्त किया गया विश्वास.
इस प्रकार विश्वास को तोड़े जाने को, भले ही उसके पीछे कितना भी बड़ा समर्थन हो, सही नहीं ढहराया जा सकता जिसके कारण उससे उपकृत होने वाला एक विचित्र हालात में पहुंच गया है.
(पीटीआई)