जबलपुर :कोरोना का जानलेवा दौर देख चुके लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. जिस कोरोनावायरस ने दुनियाभर में हाहाकार मचाया हुआ है. लाख कोशिशों के बावजूद जिसे डॉक्टर भी नहीं संभाल पाए अब उस कोरोना के वायरस की इंजीनियरों ने मात देने की ठानी है. दो स्वदेसी कंपनियों ने अपनी इंजीनियरिंग की ताकत दिखाते हुए एक ऐसी मशीन तैयार करने का दावा किया है जो कोरोना के वायरस को न्यूट्रल या नॉनएक्टिव कर देगी. जिससे बाद यह खतरनाक वायरस आपको संक्रमित नहीं करेगा.
बाजार में आई कोरोना किलिंग मशीन
आईआईटी के कुछ छात्रों और दो निजी कंपनियों ने मिलकर यह कोरोना किलिंग डिवाइस बनाई है. जिसे लेकर यह दावा किया गया है कि यह कोरोना के वायरस को निष्क्रिय कर देती है. इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में जो एलॉय लगाया गया है वह भी भारत के ही वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. उन्होंने इसका पेटेंट भी हासिल कर लिया है.
सुनिए क्या कहते हैं आईटी विभाग के एचओडी प्रशांत जैन कोरोना वायरस को डिएक्टिव कर देती है यह मशीन
जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के आईटी विभाग के एचओडी प्रशांत जैन ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि यह मशीन बहुत सरल तरीके से काम करती है. इस मशीन से फोटान कण निकलते हैं जो 1000 स्क्वायर फीट जगह में एक इलेक्ट्रॉन का क्लाउड बनाते हैं. जैसे ही उस क्षेत्र में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति आता है या पहले से मौजूद होता है इसका असर शुरू हो जाता है. कोरोना वायरस का पॉजिटिव चार्ज और मशीन से निकल रहे निगेटिव चार्ज वाले इलेक्ट्रॉन क्लाउड (निगेटिव और पॉजिटिव मिलकर) वायरस को न्यूट्रल यानी निष्क्रिय कर देते हैं. ऐसा वायरस अगर आपके शरीर में पहुंच भी जाता है तब भी वह आपको संक्रमित नहीं कर सकता.
सीएम के कार्यक्रम में हुआ उपयोग
शुक्रवार को जबलपुर में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के 75 साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में इस कोरोना किलिंग मशीन का इस्तेमाल किया गया. कार्यक्रम में ऐसी 3 मशीन लगाई गईं थी. यहां मौजूद आईटी सेल के हेड ने बताया कि इस कार्यक्रम में ही नहीं बल्कि कई बड़े ऑफिस और संस्थानों में इन मशीनों का उपयोग किया जा रहा है. अधिकारी का यह भी दावा था है कि जहां यह मशीन लगाई गई है वहां कोरोना वायरस अपना असर नहीं दिखाएगा.
पूरी तरह से भारतीय है मशीन
इस मशीन की डिजाइन, डिवाइस और इसे बनाने में इस्तेमाल हुए पार्ट पूरी तरह से भारतीय हैं. जब यह मशीन वैज्ञानिकों के सारे परीक्षणों पर खरी उतरी तब इसे बाजार में उतार दिया गया है. अभीतक कोरोना के संक्रमण को बायोलॉजिकल जैसे वैक्सीनेशन और कोविड गाइड लाइन के पालन सहित मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखने और बार-बार साबुन से हाथ धोने के जरिए कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है. यह पहली बार है जब इंजीनियरिंग के जरिए भी कोरोना वायरस को निष्क्रीय करने का दावा किया जा रहा है.
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