शिमला: जिस समय रणजीत सिंह शिमला के गानवीं में सेवारत थे, वहां बच्चों को योग सिखाते थे. इस दौरान वहां के योग प्रशिक्षु बच्चों ने कई रिकॉर्ड कायम भी किए. यही नहीं, योगी रणजीत सिंह के सान्निध्य में योग सीख रहे लोगों ने बीमारियों को भी हराया. बता दें, 25 साल की श्रद्धा ठाकुर माइग्रेन से पीड़ित थी. दवाइयां खाने के बाद ही उसको नींद आती थी. सिर में दर्द और उल्टियां होने से उसकी जीवनचर्या अस्त-व्यस्त रहती थी.
श्रद्धा ठाकुर ने योगी रणजीत सिंह के बारे में सुना और त्रिगर्त योग आश्रम का दौरा किया. यहां उनका षटकर्म से उपचार किया गया. कुछ योग आसन करवाने के साथ ही भ्रामरी प्राणायाम भी करवाया गया. अब श्रद्धा ठाकुर की हालत बिल्कुल ठीक हो गई है और उसकी दवाइयां भी छूट गई हैं. इसी तरह हमीरपुर की रेणू देवी डायबिटीज से ग्रस्त थीं. उनकी शुगर 260 के आसपास रहती थी. त्रिगर्त योग आश्रम में आसनों और प्राणायाम के जरिए रेणू को शुगर जैसी बीमारी से मुक्ति मिल गई. इसी तरह 45 साल के महेंद्र सिंह का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ था और एक बार उनको माइनर हार्ट अटैक भी आया. उन्होंने भी त्रिगर्त योग आश्रम से संपर्क किया और प्राणायाम तथा कुछ चुनिंदा योग आसनों से वह ऑपरेशन से बच गए.
साधनहीन लोगों को दी जाती है योग की नि:शुल्क शिक्षा
ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां लोग योग और आसनों के साथ-साथ षटकर्म और पंचकर्म पद्धति से ठीक हो रहे हैं. योगी रणजीत सिंह समाज को योग के प्रति प्रोत्साहित करते हैं. इसके लिए वह कई आयोजन भी करवाते हैं. लॉकडाउन के दौरान उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस जारी रखीं. उनके आश्रम में महज तीस रुपए रोजाना की फीस चुकाकर लोग योग का अभ्यास कर सकते हैं. वहीं, साधनहीन लोगों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है.
दूध बेचने जाने वाले बच्चों को सिखाना शुरू किया योग
बता दें, योगी रणजीत सिंह का ये सफर शिमला के गानवीं से शुरू हुआ था. गानवीं में नौकरी के दौरान उन्होंने बच्चों को योग के प्रति जागरुक किया. वहां उन्होंने स्थानीय स्तर पर ट्रिपल एच योग समिति शुरू की थी. वर्ष 2017 की बात है. ऊपरी शिमला के ग्रामीण इलाके के गानवीं गांव के बच्चे राज्य बिजली बोर्ड के गानवीं पॉवर प्रोजेक्ट के कर्मियों को दूध बेचने के लिए जाते थे. इन बच्चों में कुछ कर गुजरने की ललक थी. योग आचार्य रणजीत सिंह ने इन बच्चों को योग सिखाना शुरू किया. बच्चे मेधावी थे और जल्दी ही योग में पारंगत होने लगे.
इसी बीच, 2018 में एक प्रतियोगिता हुई. उस प्रतियोगिता में 12 बच्चों ने शीर्षासन सहित अन्य आसनों में विश्व रिकॉर्ड बनाए. बच्चों की प्रतिभा की बाकायदा वीडियो रिकॉर्डिंग हुई और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों ने मौके पर ही उन्हें विश्व रिकॉर्ड के सर्टिफिकेट दिए. कुल 12 बच्चों में से 14 साल के अनुज मदारू ने कमाल करते हुए 2.25 घंटे तक शीर्षासन किया. इससे पहले का विश्व रिकॉर्ड 26 साल के युवा योगी के नाम था, जिन्होंने 2.20 घंटे तक लगातार शीर्षासन किया था. तब विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले 12 बच्चों में से आठ बेटियां थीं.