लखनऊ: बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि पिता मुख्तार के हर एक काले कारोबार में उसके दोनों बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी की बराबरी की हिस्सेदारी रही है. सूत्रों के मुताबिक, सामने आया है कि अलग-अलग जेलों में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी के इशारों पर उसके बेटे काले साम्राज्य से अर्जित की गई कमाई को बेनामी संपत्तियों में लगा रहे थे. प्रवर्तन निदेशालय को जहां काले साम्राज्य से बनाई गई बेनामी संपत्तियों के विषय में जानकारी मिली है तो पुलिस को मुख्तार के दोनों बेटों की उसके अपराध में सक्रिय भूमिका का पता चला है. अब्बास और उमर अंसारी अपने पिता मुख्तार के कारोबार में एक दशक से ज्यादा समय से सक्रिय हैं. वहीं, बता दें कि मुख्तार अंसारी को 7 अप्रैल 2021 को पंजाब की जेल से बांदा जेल लाया गया था.
ईडी ने माफिया मुख्तार के खिलाफ मार्च 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज करने के बाद अगस्त 2022 में ताबड़तोड छापेमारी की थी. सूत्रों के अनुसार, इस दौरान एजेंसी को मुख्तार एंड फैमली की कंपनियों विकास कंस्ट्रक्शन, मऊ आर्गेनिक, आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग से जुड़े कई दस्तावज मिले थे. इनकी पड़ताल करने के दौरान सामने आया है कि मऊ आर्गेनिक फर्म को मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर चलाते हैं. वहीं, विकास कंस्ट्रक्शन जिसमें मुख्तार के बेटे और पत्नी किसी पद में तो नहीं हैं. लेकिन, उनके खातों से वर्ष 2012 से 2019 के बीच 15 करोड़ रुपये से अधिक रकम मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्सा अंसारी के खाते में ट्रांफसर की गई थी.