डिंडीगुल: तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी को एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई. नकदी के साथ उसके पास से केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी किया गया उसका एक आधिकारिक पहचान पत्र भी बरामद किया गया. उसके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति पांच साल से अधिक समय से ईडी के साथ काम कर रहा है. केंद्रीय एजेंसी में शामिल होने से पहले उसने बिग फोर अकाउंटिंग फर्मों में से एक में काम किया है. भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की ओर से पहली बार मदुरै प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में छापेमारी से हड़कंप मच गया है. छापेमारी के चलते सौ से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ ही भारत-तिब्बत अर्धसैनिक बल के 50 सदस्यों को सुरक्षा में लगाया गया है. ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डिंडीगुल में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के लिए डीवीएसी कार्यालय से ले जाया गया.
बताया जाता है कि अंकित तिवारी ने डिंडीगुल सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुरेश बाबू को केस से बचाने के लिए तीन करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी और कहा था कि इसे प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दिया जाएगा. बताया जाता है कि डॉ. सुरेश इस पर सहमत नहीं हुए और अंतत: 51 लाख का समझौता हुआ, जिसमें से 20 लाख रुपये डॉ. सुरेश बाबू ने पिछले 1 नवंबर को दे दिये. अंकित तिवारी ने 30 नवंबर को व्हाट्सएप कॉल के जरिए डॉक्टर से बाकी रकम मांगी. इस पर डॉ. सुरेश बाबू ने 30 नवंबर को डिंडीगुल एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में, रिश्वत विरोधी पुलिस द्वारा दी गई सलाह के अनुसार उन्होंने 1 दिसंबर को डिंडीगुल में मदुरै बाईपास रोड पर अधिकारी की कार में 20 लाख रुपये रखे.