नई दिल्ली :अपनी शर्तों को मनवाने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है. विपक्ष इसे अपनी जीत की तरह देख रहा है. किसान आंदोलन में शुरुआती दौर में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा ने इस आंदोलन को समझा-बुझाकर खत्म कराने की काफी कोशिश की मगर किसान अपनी मांग पर अडिग रहे. भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने इन तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना से बातचीत की.
भाजपा नेता ने कहा कि बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में प्रधानमंत्री ने किसानों से अपील की थी कि वह अपना आंदोलन वापस ले लें और किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया, लेकिन जो विपक्षी पार्टियां चाहे वह कांग्रेस हो या अन्य दल किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी राजनीति कर रहे थे. उन्हें जरूर इसका नुकसान हुआ है और वह नहीं चाहते थे कि किसान आंदोलन अभी भी खत्म न हो. मगर यह खुशी की बात है कि किसानों ने सरकार की बात को समझा और अपने घर वापस जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि किसानों की सारी मांग पर सरकार विचार करेगी और उनकी मांगे मानी जाएगी और सरकार से सहमत होकर किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया है और वो घर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो किसान यूनियन के नेताओं को और किसानों को भी धन्यवाद देना चाहेंगे कि उन्होंने सरकार की बात मानी.
इस सवाल पर कि क्या लगता है कि किसान और विपक्ष के आगे सरकार को झुकना पड़ा, तो भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चौहान ने कहा कि हमारी सरकार शुरू से किसानों के हित में काम करती आ रही है और किसानों की समस्याओं को समझती है, चाहे इस बिल में कितने भी फायदे हो, लेकिन किसानों को मनाने में सरकार कामयाब नहीं हो पाई और प्रधानमंत्री ने बड़े ही विनम्र भाव से यह बिल वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि देश में आज भी कुछ पार्टियों के नेता यह नहीं चाह रहे थे कि किसान आंदोलन अभी भी खत्म हो, क्योंकि इस पर राजनीति चल रही थी.