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बारामूला एनकाउंटर में 4 आतंकी ढेर, 5 जवान घायल

बारामूला एनकाउंटर में सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया है. जानकारी के मुताबिक मारे गए आतंकियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है. इस एनकाउंटर में टॉप कमांडर के मारे जाने की बात कही गई है. वहीं, मुठभेड़ के दौरान पांच जवान घायल हो गए. मारा गया एक आतंकी कई हत्याओं में शामिल था. सेना ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं.

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Published : Apr 21, 2022, 9:25 AM IST

Updated : Apr 22, 2022, 8:05 AM IST

श्रीनगर :जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया है. मारे गए आतंकियों के संबंध लश्कर-ए-तैयबा से बताए जा रहे हैं. मारे गए आतंकियों में एक लश्कर का टॉप कमांडर भी शामिल है. वहीं, एनकाउंटर के दौरान 5 जवान घायल बताए जा रहे हैं. मारा गया टॉप कमांडर युसूफ कांतरू बडगाम जिले में एक एसपीओ समेत अन्य लोगों की हत्याओं में शामिल था. अधिकारी के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर में बारामूला के मालवाह इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर वहां तलाश अभियान शुरू किया था. आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इसे सेना की बड़ी सफलता बताया है.

एलओसी के पार आतंकी ठिकाने सक्रिय, पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का इस्तेमाल कर क्षमता मजबूत की : बता दें कि, कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकी ठिकानों पर लगभग 60 से 80 आतंकवादी मौजूद हैं. माना जाता है कि वे अफगानिस्तान से लौटे भाड़े के लड़ाके हैं, जो गर्मियों के महीनों के दौरान संभावित घुसपैठ से पहले प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा 2019 की जोरदार कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी पक्ष ने पिछले साल के शुरुआती महीनों तक आतंकी ठिकानों से दूरी बनाकर रखी, जब वे कुछ हफ्तों के लिए थोड़े समय के लिए सक्रिय हुए और बाद में फिर से गायब हो गए.

बारामूला में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ (वीडियो)

हालांकि, पिछले साल अगस्त से सीमा पार फिर से सक्रिय इन आतंकी ठिकानों पर करीब 60-80 आतंकवादी मौजूद हैं और खुफिया जानकारी तथा जमीनी इकाइयों द्वारा निगरानी के अनुसार, आतंकवादी संभवत: अफगान युद्ध से लौटे हैं जो ज्यादातर पाकिस्तानी भाड़े के लड़ाके हैं. नियंत्रण रेखा पर पिछले साल फरवरी से संघर्ष विराम समझौता लागू है और अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने 2019 में गंभीर विपरीत हालात का सामना करने के बाद इस समय का इस्तेमाल लगभग 8,000 टन रक्षा सामग्री के साथ सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किया है.

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Last Updated : Apr 22, 2022, 8:05 AM IST

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