देहरादून: जोशीमठ भू धंसाव और पटवारी पेपर लीक मामले पर आज उत्तराखंड सरकार ने आपात कैबिनेट बैठक की. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. कैबिनेट बैठक में जोशीमठ में प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देने के लिए दिए जाने वाले डेढ़ लाख रुपये के लिए ₹45 करोड़ जारी करने पर मुहर लगाई गई. साथ ही 6 महीने तक बिजली-पानी के बिल भी माफ कर दिये गये हैं. प्रभावित परिवारों को दिये जाने वाले किराये को भी बढ़ाया गया है. साथ ही उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में हुए पेपर लीक मामले को लेकर देश का सबसे सख्त कानून बनाए जाने का निर्णय लिया गया है. ये फैसला लिया गया है कि पेपर लीक जैसे कृत्यों के जरिए युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के मामले पर उम्रकैद की सजा देने पर निर्णय लिया गया है. इसको लेकर अगली कैबिनेट में सख्त कानून का प्रस्ताव पेश किया जाएगा. इसमें संपत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान होगा.
- कैबिनेट के प्रमुख फैसले-जोशीमठ प्रभावितों के लिए ₹45 करोड़ पर कैबिनेट की मुहर.
- अब प्रभावित परिवारों को ₹4000 की जगह ₹5000 किराये के लिए दिये जाएंगे.
- प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए पांच जगह चिन्हित की गई हैं, जिनका अब भूगर्भीय सर्वे कराया जाएगा.
- जो राहत शिविर बनाए गए हैं उसमें प्रतिदिन ₹950 अधिकतम किराया दिया जाएगा. इसके साथ ही राहत कैम्प की अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति के लिए भोजन के लिये प्रतिदिन ₹450 दिए जाएंगे. यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नहीं है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन के लिए प्रतिदिन ₹450 धनराशि उपलब्ध करायी जाएगी.
- डैमेज एसेसमेंट और सर्वे के आधार पर मुआवजा पैकेज तैयार करेगी सरकार.
- भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के द्वारा निर्गत एसडीआरएफ के नवीन मानकों में यह व्यवस्था की गयी है कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के दो व्यस्क सदस्यों को मनरेगा के अन्तर्गत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जाएगी.
- विस्थापन के लिए ₹15000 प्रति जानवर दिए जाएंगे.
- बड़े पशु के चारे के लिए प्रतिदिन ₹80 और छोटे पशुओं के लिए सम्बन्धित व्यक्तियों को प्रतिदिन ₹45 दिया जाएगा.
- नवंबर महीने से अगले 6 महीने तक के लिए बिजली पानी के बिल को किया गया माफ.
- जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के संबंध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाए और अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए.
- प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखंड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे.
- उत्तराखंड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया गया है. वहीं, जोशीमठ के भू-धंसाव के कारणों को जानने के लिए आठ इंस्टीट्यूट सर्वे कर रहे हैं. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद सरकार कमेटी बनाएगी. कमेटी सभी का रिपोर्ट सर्वे कर आगे का निर्णय लेगी.
- जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों के लिए सिंचाई विभाग के स्तर पर शॉर्ट लिस्ट संस्थाओं में से M/S WAPCOS Limited Gurugram को टो-इरोजन तथा भू-धंसाव / भूस्खलन से संबंधित कार्य ईपीसी मोड में कराये जाने के लिए एकल स्रोत के सम्बन्ध में कराये जाने को लेकर यह निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग एवं वैपकोस में से जो भी शीघ्र डीपीआर तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ कर सकता है, उसके सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है.
- प्रभावित भू-भवन स्वामियों का एक जनपद स्तरीय समिति के माध्यम से क्षति आंकलन का सर्वे कराते हुए, उसके बाद उनकी भूमि व निर्मित भवन के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल ने एक सप्ताह के अंदर पैकेज तैयार कर भारत सरकार को भेजे जाने का निर्देश दिया है.
- जोशीमठ की आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि मिलने तक राज्य सरकार के संसाधनों से अल्प कालिक एवं मध्य कालिक किये जाने वाले विभिन्न कार्यों पर धनराशि खर्च की जाएगी, जिसका समायोजन भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने पर कर लिया जाएगा.
कैबिनेट की इस आपात बैठक में तमाम मंत्रियों के साथ ही मुख्य सचिव समेत तमाम आला अधिकारी भी मौजूद रहे. दरअसल, उत्तराखंड के जोशीमठ में दरार और भू धंसाव से स्थिति विकराल हो गई है. शासन प्रशासन से लेकर तमाम सरकारी अमला जोशीमठ में डटा हुआ है. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है.
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