हैदराबाद :केंद्र सरकार की ओर से आयात फीस को लेकर सहमति नहीं होने के कारण टेस्ला की कार भले ही भारत में लॉन्च नहीं हुई हो, मगर उन्हें राज्यों की ओर से ऑफर मिलने लगे हैं. टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क के एक ट्वीट के बाद तेलगांना, पंजाब, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की सरकार ने उन्हें फैक्ट्री लगाने का ऑफर दे दिया. मगर राज्यों की ओर से मिल रहे ऑफर के बावजूद टेस्ला सीधे राज्यों में निवेश नहीं कर सकती है, क्योंकि इसके लिए उसे केंद्र सरकार की मंजूरी भी चाहिए.
दरअसल ट्विटर के एक इंडियन यूजर ने एलन मस्कसे पूछा था कि टेस्ला कार की भारत में लॉन्चिंग के बारे में कोई और अपडेट है ? टेस्ला की कारें बहुत बढ़िया हैं और दुनिया के हर कोने में रहने के लायक हैं. इस पर एलन मस्क ने 14 जनवरी जवाब दिया वह अभी भी सरकार के साथ कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
उनके इस जवाब से गैर भाजपा शासित तीन राज्य की सरकारें एक्टिव हो गईं और तुरंत ट्वीट पर ही फैक्ट्री खोलने का न्योता दे डाला.
सबसे पहले तेलंगाना के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री के टी रामाराव ने ट्वीट पर रिप्लाई किया. उन्होंने लिखी कि "हाय एलन, मैं भारत में तेलंगाना राज्य का उद्योग और वाणिज्य मंत्री हूं. भारत/तेलंगाना में कारोबार स्थापित करने की चुनौतियों को लेकर काम करने के लिए टेस्ला के साथ साझेदारी करने पर खुशी होगी. हमारा राज्य सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव्स में एक चैंपियन है और भारत में शीर्ष पायदान का बिजनेस डेस्टिनेशन है."
इसके बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एलन मस्क को रिप्लाई करते हुए लुधियाना में फैक्ट्री खोलने के लिए निमंत्रण भेजा. साथ में टाइम बाउंड के तहत सिंगल विंडो क्लीयरेंस का वादा भी किया.
फिर महाराष्ट्र के जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल ने भी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को महाराष्ट्र में प्रोडक्शन यूनिट बनाने का आमंत्रण भेजा. उन्होंने ट्वीट किया कि भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक हैं. हम आपको भारत में स्थापित होने के लिए महाराष्ट्र से सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे. हम आपको महाराष्ट्र में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए आमंत्रित करते हैं.
इसके अलावा पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक विकास एवं मदरसा शिक्षा मंत्री मोहम्मद गुलाम रब्बानी ने भी एलन मस्क को राज्य में कारोबार के लिए आमंत्रित किया. रब्बानी ने ट्विटर पर लिखा, 'यहां काम करें, पश्चिम बंगाल में हमारे पास सबसे अच्छी सुविधाएं हैं और हमारी नेता ममता बनर्जी के पास दूरदर्शिता है.' मोहम्मद गुलाम रब्बानी के ट्वीट पर भाजपा के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने उन्हें राज्य के पिछले रिकॉर्ड की याद दिलाने की कोशिश की.
मालवीय ने ट्वीट किया, 'आपको लग सकता है कि यह मजाक है, लेकिन ऐसा नहीं है. पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक एवं मदरसा शिक्षा के प्रभारी मंत्री ने एलन मस्क को पश्चिम बंगाल में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है. उनका यह प्रस्ताव चुनाव के बाद हिंसा के ममता बनर्जी के रिकॉर्ड से शुरू होगा और सिंगूर आंदोलन पर खत्म होगा.
टेस्ला को भारत में क्या प्रॉब्लम आ रही है :अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) कंपनी टेस्ला (Tesla) भारत में अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ी (EV) का प्रोडक्शन नहीं शुरू कर सकी है. वह भारत सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी में छूट चाहती है. पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा था कि टेस्ला भारत में चीन में बनी इलेक्ट्रिक कारें न बेचें. टेस्ला को भारत में इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण करना चाहिए. इसके बाद ही भारत सरकार उसे किसी भी तरह का मदद देगी. उससे पहले भारी उद्योग मंत्रालय ने भी टेस्ला से कहा था कि वह पहले भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण शुरू करे. उसके बाद कंपनी की किसी भी कर रियायत की मांग पर विचार किया जा सकता है. यानी भारत सरकार टेस्ला को उसी शर्त पर छूट देगी, जब वह देश में ही कार का प्रोडक्शन करे.
टेस्ला कंपनी भारत सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग कर रही है.
टेस्ला इंपोर्ट ड्यूटी में छूट चाहती है :गौरतलब है कि एलन मस्क ने 2020 में कहा था कि टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी. कंपनी के मुताबिक, भारत में काम शुरू करने के लिए इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक टेस्ला सहायक कंपनी की स्थापना की गई है. टेस्ला का कहना है अभी भारत में विदेश से आयात होने वाली इलेक्ट्रिक कार पर ज्यादा आयात शुल्क वसूला जा रहा है. उन्होंने अपनी प्रॉडक्ट को लग्जरी कैटिगरी के बजाय इलेक्ट्रिकल वीइकल कैटिगरी रखने की मांग कर रहे हैं. बता दें कि भारत में 40 हजार डॉलर से अधिक कीमत वाली लग्जरी कारों पर 100 फीसद आयात शुल्क लगता है, जबकि इससे कम कीमत वाली कारों पर 60 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी देनी होती है.
चार राज्यों के न्योते पर भारत आ सकती है टेस्ला मगर... :टेस्ला राज्य सरकारों के आमंत्रण पर अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा सकती है. मगर उससे पहले उसे भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय समेत कई मंत्रालयों से मंजूरी लेनी होगी. हालांकि अभी भारत सरकार के सिंगल विंडो सिस्टम के तहत टेस्ला के आवेदन को एक बार में ही मंजूरी मिल सकती है, मगर उसे अभी नियमों के तहत आवेदन करना होगा.
ऐसे में चार राज्यों का टेस्ला को आमंत्रण फिलहाल राजनीतिक शगूफा ही है, क्योंकि कंपनी केंद्र के नियमों को दरकिनार कर सीधा राज्यों में न तो निवेश कर सकती है और न ही कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा सकती है.
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