नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवाद से जुड़े मामले में गौतम नवलखा को जमानत पर लगाई गई रोक की अवधि को बढ़ा दिया है. इसके पहले बंबई उच्च न्यायालय ने नवलखा को जमानत देने के अपने आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की याचिका को भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष पेश करने का भी निर्देश दिया ताकि याचिका को अन्य आरोपियों के मामलों के साथ जोड़ने पर निर्णय लिया जा सके.
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह मामले के गुण-दोष पर कुछ भी कहने का इच्छुक नहीं है. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को नवलखा को जमानत दे दी थी, लेकिन एनआईए द्वारा शीर्ष अदालत में अपील दायर करने के लिए समय मांगने के बाद उसने आदेश के कार्यान्वयन पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी. नवलखा को पिछले साल अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था और पिछले साल नवंबर में उन्हें उनके घर में नजरबंद रखने की अनुमति उच्चतम न्यायालय ने दी थी. फिलहाल वह नवी मुंबई में रह रहे हैं.