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बालोद में हाथियों ने महिला को कुचला

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में हाथियों का उत्पात कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस उत्पात में एक वृद्ध महिला की जान चली गई है.

Elephants crush woman in Balod chhattisgarh
बालोद जिले में हाथियों का उत्पात

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Published : Aug 11, 2022, 10:27 PM IST

बालोद : बालोद जिले में हाथियों (balod elephant news) के आतंक ने एक बार फिर एक व्यक्ति की जान ली (Elephants crush woman in Balod district) है. इसके साथ ही यह अब पांचवी मौत बनकर सामने आई है. इससे पहले चार लोग पहले ही हाथियों के कुचलने से अपनी जान गवा चुके हैं. मिली जानकारी के अनुसार महिला शौच के लिए गई थी. तभी हाथी वहां पहुंचे और महिला पर हमला कर दिया. जिसके कारण मौके पर उसकी मौत हो गई. महिला का नाम मोहन्तीन बाई बताया जा रहा है.

कहां का है मामला : ताजा मामला गुरुर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम सोहतरा (elephant in Gurur block area) का है. जहां हाथियों के कुचलने से एक वृद्ध महिला की मृत्यु हो गई. वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और शव को शिनाख्त करने के साथ ही कब्जे में रख लिया गया है. रोजाना हाथी रात के समय फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. लोग फसलों की रक्षा के कारण खेतों तक पहुंचते हैं. विशेषकर गन्ने के खेतों और धान की फसलों में किसानों को रतजगा करना पड़ रहा है. आलम ये है कि खेत बचाने के चक्कर में लोग अपनी जान नहीं बचा पा रहे हैं.

कहां हैं हाथी सक्रिय : वन विभाग की मानें तो हाथियों का यह दल तीन भागों में विभक्त हो गया है. एक दल डौंडी रेंज की ओर है. तो दूसरा दल गुरुर के अलग-अलग स्थानों में विचरण कर रहा है. रोजाना हाथियों की अपडेट ली जा रही है. गन्ने की फसल खेत के फसल के साथ-साथ पर्यटन स्थल सियादेवी क्षेत्र भी इन दिनों हाथियों के कब्जे में है.अब तक हाथी के हमले में 5 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. जिनमें लिमउडीह के डोमेंद्र ध्रुवे (उम्र 17 वर्ष), अरजगुंडा - भगवान सिंह (उम्र 50 वर्ष), मुल्ले - रामजी सिंगरामे (47 वर्ष), कुरुभाट - संतोष भूआर्य (Five deaths due to elephants in Balod) हैं.

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हाथियों की पांचवी शिकार बनीं महिला : जब से हाथियों का दल बालोद जिले में सक्रिय है. तब से 4 लोगों की मृत्यु हाथियों के कुचलने से हो चुकी है. अब यह पांचवीं मौत है जिसके बाद अब कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है. क्योंकि हाथी लगातार बालोद जिले में जान एवं माल को हानि पहुंचा रहे हैं. वहीं अब तक 14 माह के हाथी के बच्चे की भी मृत्यु हो चुकी है.

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