रायगढ़: रायगढ़ के जंगल में हाथियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. रायगढ़ धरमजयगढ़ के जंगल में रविवार को एक हथिनी का शव मिला है. हथिनी की उम्र 70 साल बताई जा रही है. अधिकारियों ने संदेह जताया है कि हथिनी की मृत्यु उम्र संबंधी जटिलताओं या बिजली के झटके सहित कई अन्य कारणों से हुई होगी. अभी तक मौत की वजह की पुष्टि नहीं हो पाई है. हथिनी की मौत से एक बार फिर वन विभाग में हड़कंप है.
चार महीने में 6 हाथियों की मौत: रायगढ़ धरमजयगढ़ में बीते चार महीने में 6 हाथियों की मौत हो गई है. वन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने रविवार को बताया कि "हथिनी की मौत शनिवार को हुई. हमे सूचना मिली जिसके बाद वन विभाग और पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची. पहली नजर में हथिनी की मौत उम्र संबंधी जटिलताओं की वजह से हुई है. ऐसा लग रहा है. हालांकि इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हथिनी की मौत की असल वजह का पता चल सकेगा. बीते चार महीने में 6 हाथियों की मौत इस इलाके में हुई है"
धमजयगढ़ वन मंडल के जंगल से मिला हथिनी का शव: धरमजयगढ़ वन मंडल में हथिनी का शव मिला था. ग्रामीणों के मुताबिक जंगल में लोगों ने हथिनी का शव देखा. उसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई है. आस पास के जंगल में हाथी के शावक को भी देखे जाने की बात सामने आई है. हथिनी की उम्र 70 साल से अधिक बताई जा रही है. धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि "हथिनी की उम्र 70 के आस पास थी. हाथी की अधिकतम उम्र 80 की होती है. ये हाथिनी उम्रदराज थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हथिनी की मौत की असली वजह सामने आ पाएगी."
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छत्तीसगढ़ में बीते पांच साल में 70 से अधिक हाथियों की मौत: वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बीते पांच साल में 70 से अधिक हाथियों की मौत हुई है. इन मौतों के कारणों में हाथियों की उम्र, बीमारी, और बिजली के झटके जैसे कारण शामिल हैं. हाथियों की मौत में मानव हाथी संघर्ष भी एक बड़ी वजह है.