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Elephant Attack: घायल जंगली हाथी ने वन विभाग के कर्मचारी को कुचला, इलाज करने का कर रहे थे प्रयास

कर्नाटक के अलुरु तालुक में एक जंगली हाथी ने वन विभाग के एक कर्मचारी को मार डाला. जानकारी के अनुसार यह जंगली हाथी घायल था और वन विभाग के कर्मचारी उसका इलाज करने के लिए पहुंचे थे.

Forest department employee killed by wild elephant
जंगली हाथी ने वन विभाग के कर्मचारी को मार डाला

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 31, 2023, 7:06 PM IST

जंगली हाथी ने वन विभाग के कर्मचारी को मार डाला

सकलेशपुर(हसन): कर्नाटक के अलुरु तालुक में एक जंगली हाथी के हमले से वन विभाग के एक कर्मी की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार यह घटना गुरुवार को घटी. मृतक वन विभाग कर्मी की पहचान वेंकटेश के तौर पर हुई है. वेंकटेश हाथियों को लेकर किए जाने वाले ऑपरेशन में विशेषज्ञ थे, जिसके चलते उन्हें अने वेंकटेश (हाथी वेंकटेश) के नाम से जाना जाता था. बताया जा रहा था कि यह जंगली हाथी घायल था और इधर-उधर भटक रहा है.

अलूर के पास एक गांव में हाथी को बेहोशी की दवा देने आए वन विभाग के कर्मी पर उसने हमला कर दिया. हाथी द्वारा कुचले जाने से वेंकटेश गंभीर रूप से घायल हो गया. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई. चार दिन पहले एक जंगली हाथी भीम एक अन्य जंगली हाथी से लड़ाई के दौरान घायल हो गया था.

इसलिए, वन विभाग ने घायल हाथी के इलाज के लिए सरकार से अनुमति ली थी. गुरुवार को इसे पकड़ने की योजना बनाई गई थी. वन अधिकारी जिन्होंने सारी तैयारी कर ली थी, वे इस ऑपरेशन में लग गए. वेंकटेश घायल हाथी को एनेस्थीसिया देने आए थे. इसी दौरान जंगली हाथी ने वेंकटेश पर अचानक हमला कर दिया. वेंकटेश को हाथी ने कुचल दिया. परिणामस्वरूप, वेंकटेश गंभीर रूप से घायल हो गए.

साथियों ने उन्हें तुरंत हसन अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वेंकटेश की मृत्यु हो गई. अलुरु तालुक के होन्नावल्ली गांव के वेंकटेश 1987 में अनुबंध के आधार पर वन विभाग में शामिल हुए. वह अनुबंध के आधार पर काम कर रहे थे और 2019 में वन विभाग से रिटायर हो गए थे. वेंकटेश अब तक 40 से अधिक जंगली हाथियों को पकड़ने के अभियानों में शामिल रहे थे.

वेंकटेश हसन, चिक्कमगलुरु और मडिकेरी जंगली जानवरों के ऑपरेशन में शामिल थे. वह हाथियों के स्थानांतरण, रेडियो कॉलर लगाने आदि के काम में शामिल थे. मानवता के नाते वन विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें दैनिक श्रमिक के रूप में उपयोग किया जा रहा था. वेंकटेश ने बाघ, तेंदुआ और भालू को पकड़ने में भी अहम भूमिका निभाई थी.

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