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गुजरात चुनाव और दिल्ली एमसीडी चुनाव साथ होने से बढ़ सकती हैं 'आप' की मुश्किलें

गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly election) के साथ ही दिल्ली में एमसीडी चुनाव (MCD elections) होना है, ऐसे में जाहिर तौर पर पार्टियों के लिए चुनाव प्रचार को मैनेज करना आसान नहीं होगा. जानकारों का मानना है कि इसका ज्यादा असर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) पर पड़ सकता है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता सौरभ शर्मा की रिपोर्ट.

Aam Aadmi Party
अरविंद केजरीवाल

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Published : Nov 5, 2022, 5:00 PM IST

नई दिल्ली :गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly election) और दिल्ली में एमसीडी चुनाव (MCD elections) की घोषणा के बाद एक्सपर्ट का मानना ​​है कि इससे आम आदमी पार्टी (आप) मुश्किल स्थिति में आ जाएगी क्योंकि अब उन्हें दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए अपना समय बांटना होगा. भाजपा को इसका फायदा मिलेगा, क्योंकि यहां कांग्रेस की भूमिका तेजी से घट रही है.

एक्सपर्ट के अनुसार 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहुमत की सीटों पर कब्जा करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

'ईटीवी भारत' से बात करते हुए प्रो. संजय कुमार (सीएसडीएस) ने कहा कि ' आप के आने से तीसरा मोर्चा खुल गया है फिर भी जमीनी स्थिति के अनुसार ऐसा लगता है कि सत्तारूढ़ भाजपा बहुमत हासिल करेगी जबकि कांग्रेस की भूमिका इस क्षेत्र में कम होने की संभावना है.'

इस सवाल पर कि क्या 4 दिसंबर को होने वाले एमसीडी चुनावों की घोषणा और गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम से आप पर असर पड़ने की संभावना है. प्रो. कुमार ने कहा कि 'चूंकि आम आदमी पार्टी के पास धन और जनशक्ति दोनों के मामले में सीमित संसाधन हैं, इससे आप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है. अब केजरीवाल को अपना समय गुजरात और दिल्ली के बीच बांटना होगा. इसलिए यह उनके लिए डिसएडवांटेज है.'

प्रो. कुमार ने कहा कि 'गुजरात और एमसीडी दोनों चुनावों का कार्यक्रम भाजपा को प्रभावित नहीं करेगा, क्योंकि यह एक बहुत बड़ी पार्टी है और उनके पास गुजरात और दिल्ली दोनों चुनावों (एमसीडी चुनावों के लिए) के लिए उम्मीदवारों और प्रचारकों का अपना सेट है. लेकिन आप के लिए यह एक अलग कहानी है. दिए गए शेड्यूल ने उन्हें परेशानी में डाल दिया है.'

गुजरात में कांग्रेस के भविष्य पर प्रो. कुमार ने कहा कि 'जिस तरह की सबसे पुरानी पार्टी को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, मेरे अपने विश्लेषण के अनुसार गुजरात में कांग्रेस के लिए कोई उम्मीद नहीं है.'

उन्होंने कहा कि 'अगर कांग्रेस तीसरे नंबर पर सिमट जाती है, तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि चुनाव धारणा के मुद्दों पर होते हैं और कांग्रेस के लिए गुजरात में धारणा ऐसी है कि यह एक कमजोर पार्टी है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है और नेतृत्व संकट है. हालांकि, आप वहां बहुत मेहनत कर रही है लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि वे प्रमुख विजयी पार्टी के रूप में उभरेंगे.'

यह पूछे जाने पर कि यह चुनाव राष्ट्रीय मोर्चे पर आप को कैसे प्रभावित कर सकता है? प्रो. कुमार ने कहा, 'हालांकि आप एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में उभरी थी, लेकिन वे भाजपा को कड़ी चुनौती देने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. लेकिन एक बात पक्की है और वह यह है कि वे गुजरात में अच्छी खासी उपस्थिति दर्ज कराने में सक्षम होंगे.

उन्होंने कहा कि 'वे अंततः 20% या 24% हासिल करेंगे. गुजरात में भाजपा की मजबूत पकड़ है, ऐसे में आप के लिए 15 प्रतिशत से ऊपर यह बड़ी संख्या है. इसलिए राष्ट्रीय मोर्चे पर आप के लिए ये चुनाव 2027 के लिए उसकी रणनीति को प्रभावित करेंगे लेकिन 2024 के लिए नहीं.' इसी तरह चुनाव विश्लेषक अभय कुमार ने कहा कि 'भाजपा के प्रमुख दल के रूप में उभरने की संभावना है, जबकि AAP को दूसरा स्थान मिल सकता है, जो एक तरह से यह दर्शाता है कि गुजरात में यथास्थिति में बदलाव नहीं होगा, जबकि कांग्रेस की भूमिका और कम हो जाएगी और उनको नुकसान होगा.'

मोरबी की घटना का क्या चुनाव पर असर पड़ सकता है. इस सवाल पर दोनों विशेषज्ञों ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का चुनाव पर असर पड़ने की संभावना नहीं है.

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