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असम: ईवीएम विवाद के बाद एक मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान के आदेश

असम में भाजपा के एक विधायक के वाहन से कथित तौर पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मिली थी. इस मामले को निर्वाचन आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने रतबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Apr 2, 2021, 5:00 PM IST

नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को असम में रतबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया.

यहां मतदान के बाद जिस वाहन में पीठासीन अधिकारी ईवीएम को लेकर गए, वह कथित तौर पर पड़ोसी सीट से भाजपा के प्रत्याशी की पत्नी की थी जिसको लेकर विवाद पैदा हो गया था.

करीमगंज में मतदान दल को भीड़ के हमले से बचाने के लिए पुलिस को बल का भी प्रयोग करना पड़ा क्योंकि भीड़ का आरोप था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छोड़छाड़ की गई है.

निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि पीठासीन अधिकारी और तीन अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.

निर्वाचन आयोग ने बयान में कहा, ईवीएम की सील हालांकि सही थी, लेकिन फिर भी रतबाड़ी (सु) एलएसी1 के मतदान केंद्र संख्या- 149 इंदिरा एमवी स्कूल में दोबारा मतदान कराने का फैसला किया गया है.

बयान के मुताबिक विशेष पर्यवेक्षक से रिपोर्ट भी तलब की गई है.

निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक की गई जानकारी के मुताबिक रतबाड़ी विधानसभा सीट के मतदान केंद्र संख्या 149 पर तैनात मतदान दल में पीठासीन अधिकारी और तीन अन्य कर्मी थे, वे पुलिस सिपाही और होमगार्ड के साथ थे.

आयोग के मुताबिक बृहस्पतिवार को शाम छह बजे चुनाव खत्म होने के बाद चुनाव अधिकारी निर्वाचन अधिकारियों द्वारा मुहैया कराए गए वाहन से लौट रहे थे और उनकी सुरक्षा सशस्त्र जवान कर रहे थे.

आयोग के मुताबिक इलाके में भारी बारिश हो रही थी और मतदान दल के वाहन में खराबी आ गई.

बयान में कहा गया, भारी जाम और मौसम के हालात की वजह से मतदान दल काफिले से अलग हो गया.

मतदान दल वाहन से नीचे उतरा और सेक्टर अधिकारी को फोन कर दूसरे वाहन की व्यवस्था करने को कहा.

बयान के मुताबिक सेक्टर अधिकारी दूसरे वाहन की व्यवस्था कर रहे थे तभी मतदान दल ने स्वयं वाहन की व्यवस्था करने का फैसला किया ताकि ईवीएम जमा करने के केंद्र तक जल्दी पहुंचा जा सके क्योंकि ईवीएम मशीन उनके पास ही थी.

मतदान दल ने वहां से गुजरने वाले वाहन को रोका और ईवीएम- बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी)- के साथ वाहन में उसके मालिक की जानकारी किए बिना सवार हो गया.

मतदान दल द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे करीमगंज की ओर बढ़ रहे थे और जाम की वजह से उनकी गति कम थी, तभी उनके वाहन को करीब 50 लोगों की भीड़ ने घेर लिया और उनपर पत्थरबाजी शुरू कर दी.

पढ़ें :-भाजपा विधायक की गाड़ी में ईवीएम मामले में चार चुनाव अधिकारी निलंबित, मुकदमा दर्ज के आदेश

उन्होंने बताया कि भीड़ ने उनके साथ गाली गलौज की और वाहन को रोक लिया, जब मतदान दल ने भीड़ के नेता से पूछा तो उसने बताया कि जिस वाहन पर वे सवार हैं वह कृष्णेंदु पॉल का वाहन है जो पड़ोसी निर्वाचन क्षेत्र (पथरकांडी) से लड़ रहे हैं और आरोप लगाया कि ईवीएम के साथ छेड़-छाड़ की गई है.

बयान में कहा गया, तभी मतदान दल को एहसास हुआ कि कुछ गलती हुई है और उन्होंने इसकी सूचना सेक्टर अधिकारी को दी. हालांकि, तब तक वहां भारी भीड़ जमा हो गई थी और भीड़ ने ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगा मतदान कर्मियों को ईवीएम के साथ वाहन में बंधक बना लिया था.

बयान में कहा गया, इस बीच वाहन के मालिक की पहचान कर ली गई थी और पता चला कि वाहन मधुमिता पॉल के नाम पर पंजीकृत है जिनके पति कृष्णेंदु पॉल पड़ोसी पथरकांडी सीट से प्रत्याशी हैं.

पुलिस जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ मौके पर पहुंची और बल प्रयोग कर मतदान कर्मियों को बाहर निकाला.

आयोग ने बताया कि बाद में ईवीएम मशीन और उसके साथ लगे उपकरणों की जांच की गई और पाया गया कि उसमे सील लगी है और कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है.

बयान में कहा गया कि सभी सामान स्ट्रांग रूम में जमा कराया गया.

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