केदारनाथ में बेहोश हुई बुजुर्ग महिला केदारनाथ (उत्तराखंड):केदारनाथ में इन दिनों लगातार बारिश और बर्फबारी हो रही है. इससे केदारनाथ धाम का तापमान माइनस में चला जा रहा है. आज भी केदारनाथ में अधिकतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस मापा गया. कड़ाके की ठंड से केदारनाथ दर्शन को आई एक बुजुर्ग महिला अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी. वहां मौजूद उत्तराखंड पुलिस के जवान प्रमोद ने तत्काल बुजुर्ग महिला को उठाया. प्रमोद ने बुजुर्ग महिला को अपनी पीठ पर बिठाया और अस्पताल पहुंचाया. रुद्रप्रयाग पुलिस ने इसका वीडियो ट्वीट करते हुए बताया कि महिला का इलाज चल रहा है.
चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को डॉक्टर की सलाह:डॉक्टर का कहना है किचारधाम यात्रा में बीपी, दमा और डायबिटीज के मरीज अपना विशेष ख्याल रखें. क्योंकि हिमालय की ऊंची पहाड़ियों पर जब तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, तो अचानक उन्हें कम तापमान और कम ऑक्सीजन की मुश्किलें झेलनी पड़ती है. ऐसे में कम ऑक्सीजन की वजह से शरीर पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है.
डायबिटीज और बीपी के मरीज ऐसा करें: विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार चारधाम यात्रा में आने वाले डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के शरीर का तापमान अचानक बदलता है. इससे दिल की नसें सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन में भी दिक्कत आनी शुरू हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में यात्रा में जाने से पहले बीपी और दमा के रोगियों को अपनी जांच करा लेनी चाहिए.
ये उपाय अपनाएंगे तो नहीं होगी दिक्कत: जिला चिकित्सालय कोरोनेशन के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट के अनुसार वैसे तो इस बार स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा में हर 1 किलोमीटर में चिकित्सकों की तैनाती की गई है. इस बार पिछले वर्ष की तुलना में मृत्यु दर में भी कमी आई है. उन्होंने यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों को सलाह दी कि पहले अपने बीपी की जांच करा लें. यदि किसी को पहले से ही दमे का रोग है तो अपने साथ इन्हेलर जरूर लेकर चलें. ब्लड प्रेशर की दवा खाकर जाएं.
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पहाड़ पर धीमी गति से चलकर हार्ट अटैक से बचें: डॉक्टर बिष्ट के अनुसार दमे के रोगियों को यात्रा में धीरे-धीरे चलना चाहिए. क्योंकि धीमी गति से चलने में हार्ट अटैक की संभावनाएं बहुत कम होती हैं. उन्होंने कहा कि शुगर के मरीजों को यात्रा में अपने साथ दवा लेकर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा सुरक्षित यात्रा है. लेकिन जो लोग पहले से ही बीमार हैं और ब्लड प्रेशर, दमा और डायबिटीज के रोगी हैं, उन्हें पहले 2 से 3 दिन बेस कैंपों में ठहरने के बाद ही पहाड़ चढ़ना चाहिए.