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जिला अस्पताल में नहीं मिला स्ट्रेचर, इलाज के इंतजार में बेटे की गोद में पिता ने तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला अस्पताल (Gonda District Hospital) में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. तबीयत खराब होने के बाद इमरजेंसी में पिता को लेकर पहुंचे बेटे को अस्पताल के बाहर बैठा दिया गया. उन्हें न तो स्ट्रेचर और न ही उनको इलाज मिला. करीब आधे घंटे तक इमरजेंसी वार्ड के बाहर बेटा अपने पिता को लेकर बैठा रहा.

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गोंडा जिला अस्पताल में लापरवाही

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Published : Aug 26, 2022, 9:37 AM IST

गोंडा: इलाज न मिलने से पिता ने बेटे की गोद में दम (Elderly died due to lack of treatment in up) तोड़ दिया. सबसे हैरानी की बात तो यह रही कि इमरजेंसी में से शव बाहर लाने के लिए भी स्ट्रेचर मुहैया नहीं कराई गई. बेटा गोद में पिता का शव लेकर प्राइवेट गाड़ी से घर लेकर गया. मामला बुधवार (24 अगस्त) का बताया जा रहा है. बेटे सोहन लाल ने इसकी शिकायत CM योगी सहित उच्चाधिकारियों से करने की बात कही है.

इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला आया सामने

मृतक बुजुर्ग राम उदित मोतीगंज थाना क्षेत्र के पिपरा भिटौरा का निवासी बताया जा रहा है. सोहनलाल के बुजुर्ग पिता राम उदित को सांस लेने की दिक्कत हो रही थी. बुधवार (24 अगस्त) को वह पिता को लेकर गोंडा जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में लेकर पहुंचा. सोहनलाल ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड में भीड़ होने के कारण उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया और बाहर ही बरामदे में बैठा दिया गया. अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि, जब नंबर आएगा तो बुला लेंगे. उन्होंने बताया कि, फिर वह अपने बुजुर्ग पिता को लेकर आधे घंटे से अधिक समय तक इमरजेंसी वार्ड के बाहर बरामदे में बैठे रहे हैं, लेकिन किसी ने भी उन्हें अंदर नहीं बुलाया.

सोहनलाल ने बताया कुछ देर बाद पिता के शरीर में कोई हरकत नहीं महसूस हुआ और उनका सिर लटक गया. इस पर वह उन्हें जबरदस्ती इमरजेंसी वार्ड के अंदर ले गया. उन्होंने आरोप लगाया कि, पिता के दम तोड़ देने के बाद भी वहां डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन लगा दिया और कुछ देर बाद उन्होंने मौत (Elderly died due to lack of treatment in up) होने की खबर दी. इसके बाद भी हमे शव ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं दिया गया.

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अस्पताल में मौत होने पर शव घर ले जाने के लिए चार शव वाहन मौजूद है, जिसमें दो सीएमओ के यहां से उपलब्ध कराए गए हैं और दो अस्पताल के हैं. इसके बावजूद भी शव ले जाने के लिए उन्हें वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. बेटा बुजुर्ग पिता के शव को गोद (up father dies in son lap) में उठाकर प्राइवेट वाहन तक पहुंचा और फिर उस पर लादकर ले गया. वहीं, इस पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यह बहुत ही गंभीर विषय है कि अस्पताल के गेट तक पहुंच कर भी इलाज नहीं मिला. उन्होंने कहा कि, इस संबंध में जैसे ही शिकायत मिलती है. वह टीम बनाकर इस पूरे मामले की जांच करवाएंगी.

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