हैदराबाद : मैसूर में ऐतिहासिक दशहरा समारोह की तैयारियां शुरू हो गई हैं. सोमवार को 8 हाथियों की एक टीम 'गजपायन' (हाथी मार्च) के लिए वीरानाहोसहल्ली गांव से मैसूर पहुंची. कार्यक्रम में जिला कलेक्टर बगदी गौतम, महापौर सुनंदा पलनेत्र समेत अधिकारियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों से हाथियों का स्वागत किया.
दशहरा उत्सव के लिए कर्नाटक में मैसूर पैलेस (Mysuru Palace) को तैयार किया जा रहा है. इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कम से कम 400 लोगों को शामिल होने की अनुमति देने की मांग सरकार से की गयी है. वहीं जंबो सवारी में 1,000 लोगों को अनुमति देने की मांग की गयी है. कर्नाटक के सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर गौड़ा ने बताया कि सरकार आयोजन की तैयारी कर रही है.
9 दिन का होता है उत्सव
9 दिन चलने वाला उत्सव 7 अक्टूबर को नवरात्रि के पहले दिन से शुरू होगा और 15 अक्टूबर को विजयदशमी या दशहरा के दिन जंबो सवारी (हाथियों की शोभायात्रा) के साथ महोत्सव का समापन होगा. मैसूर पैलेस में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. 7 अक्टूबर से पहाड़ियों पर चामुंडी मंदिर में पूजा होगी और 15 अक्टूबर को जंबो सवारी निकाली जायेगी. दशहरा महोत्सव के लिए 8 हाथियों को चुना गया है. सोमवार को 8 हाथियों की एक टीम मैसूर पहुंची, जिसका भव्य स्वागत किया गया. 16 सितंबर को मैसूर पैलेस में उनका भव्य स्वागत किया जायेगा.
शरद नवरात्र मनाते थे मैसूर के राजा
शरद नवरात्र दशहरा को ही कहते हैं. जो कार्यक्रम महल के अंदर आयोजित किए जाते थे उन्हें शरद नवरात्र कहा जाता था और महल के बाहर उसी को दशहरा कहा जाता है. मैसूर के राजा महल में दशहरा मनाया करते थे, इसलिए आज भी महल में पूजा की जाती है.
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