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Rain in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बिगड़ा मौसम, बारिश और ओलावृष्टि से किसान परेशान

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Published : Mar 18, 2023, 11:07 PM IST

पिछले दो तीन दिनों से छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है. बारिश के साथ ओले गिरने से जहां फसल बर्बाद हो रही है, वहीं अचानक से तापमान में गिरावट आने से सर्दी खांसी और बुखार का भी प्रकोप बढ़ा है. बारिश को लेकर मौसम विभाग ने कई जिलों में अलर्ट भी जारी किया है. Rain in Chhattisgarh

Effect of unseasonal rain in Chhattisgarh
बारिश और ओलावृष्टि

बारिश और ओलावृष्टि

रायपुर:राजधानी रायपुर में मौसम खराब होने से सीएम भूपेश बघेल का कोंडागांव दौरा रद्द कर दिया गया. मौसम विभाग ने 12 घंटे के लिए छ्त्तीसगढ़ के कई जिलों में अलर्ट जारी किया है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, पेंड्रा रोड, कोरबा, कबीरधाम, महासमुंद दुर्ग, रायपुर, बालोद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव और उससे लगे हुए जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. यहां गरज चमक के साथ अंधड़ चलने, ओलावृष्टि होने और वज्रपात की आशंका है.

कांकेर में शिमला जैसा दिखा नजारा:कांकेर में ओलावृष्टि होने से शिमला जैसा नजारा देखने को मिला. पतझड़ के मौसम में पेड़ों के पत्ते सूख कर गिर जाते है, लेकिन अचानक हुई ओलावृष्टि से सूखे पत्तो को बर्फ की चादर ने ढंक लिया. कांकेर से धमतरी रोड पर राजाराव पठार के पास नेशनल हाइवे के किनारे के जंगलों में बर्फ ही बर्फ देखने को मिली. राहगीरों ने भी इसका खूब आनंद लिया. हालांकि इससे गेहूं, सरसों और मक्के की फसल को नुकसान हुआ है. सब्जियों में कीट प्रकोप शुरू हो गया है.

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महुआ फूल और टमाटर फसल को भी नुकसान:बारिश और तूफान की वजह से महुआ की फसल को नुकसान पहुंचा है. लगभग 15 दिनों तक गिरने वाले महुआ के फूल अब बमुश्किल एक-दो दिन गिरेंगे. महुए की फसल संग्रह कर आदिवासी अपने साल भर के नमक तेल के साथ जरूरी खर्च का इंतजाम कर लेते हैं, जिन्हें मायूस होना पड़ेगा. कांकेर में अंधड़ से टमाटर के साथ ही सब्जी उत्पादकों को भी काफी नुकसान पहुंचा है.

कवर्धा में गरज चमक के साथ होती रही बारिश:कवर्धा में शनिवार को सुबह से गरज चमक के साथ झमाझम बारिश हो रही है. इससे लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली है लेकिन इसी के साथ सर्दी खांसी और बुखार के मामले भी बढ़ गए. बारिश ने किसानों को परेशानी में ला दिया है. यह चना फसल सूखने का समय है. इस दौरान खेत में ज्यादा पानी होने से चना फसल पूरी तरहा काला हो जाएगा. इससे किसानों की भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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