नई दिल्ली : भारतीय छात्र (indian students) नवाचार के माध्यम से आने वाले समय में न केवल देश बल्कि दुनिया के सामने आने वाली समस्याओं का भी समाधान करने में सक्षम होंगे. यह बात शिक्षा मंत्री (Education Minister) धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कही. आज शिक्षा मंत्री प्रधान ने 'इनोवेशन एम्बेसडर ट्रेनिंग प्रोग्राम' (Innovation Ambassador Training Program) का शुभारंभ किया और अपने संबोधन में 21वीं सदी के भारत की शिक्षा में तकनीक और नवाचार के महत्व पर जोर दिया.
AICTE के इनोवेशनल सेन की देन
बता दें कि इनोवेशन एम्बेसडर ट्रेनिंग प्रोग्राम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India Council for Technical Education-AICTE) के इनोवेशन सेल द्वारा तैयार किया गया है. शिक्षा मंत्रालय ने इस कार्यक्रम से जनजातीय मंत्रालय को भी जोड़ा है. कार्यक्रम के तहत 50,000 शिक्षकों को दो माह तक पांच अलग अलग मॉड्यूल्स (अनुखंड) में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसका लक्ष्य मुख्यतः स्कूली छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देना है.
पांच मॉड्यूल्स में नवाचार (innovation), उद्यमिता (entrepreneurship), बौद्धिक सम्पदा अधिकार (intellectual property rights), डिजाइन थिंकिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और आइडिया जनरेशन आदि शामिल है. इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए AICTE के इनोवेशन सेल ने 40 प्रशिक्षकों को शामिल किया है.
नई प्रतिभाओं को ढूंढ निकालने की चुनौती
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज देश में संसाधनों की समस्या नहीं है, बल्कि चुनौती है. यह चुनौती उन प्रतिभाओं को सदूर क्षेत्र से भी ढूंढ निकालने की है, जो नवाचार के माध्यम से कुछ बड़ा कर सकते हैं. 21वीं सदी में आज के 'इनोवेशन एम्बेसडर' उन लाखों बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे जो आगे चल कर दुनिया में अपनी पहचान बनाएंगे.
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