नई दिल्ली : दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पेरेंट्स आउटरीच प्रोग्राम की शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद जब स्कूल खुलने शुरू हुए हैं उस दौरान यह बहुत जरूरी हो जाता है कि स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे तक सिस्टम पहुंचे, ताकि स्कूल, अभिभावक और छात्र के बीच बेहतर संवाद हो सके. इसी को ध्यान रखते हुए स्कूल मित्र प्रोग्राम की शुरुआत की गई है.
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस प्रोग्राम को आज शुरू करने से पहले साउथ ईस्ट और ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के 40 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है. जिसमें कुल 61 हज़ार अभिभावक, 500 एसएमसी सदस्य और 40 स्कूलों के प्रिंसिपल शामिल थे इसमें से 29 हज़ार अभिभावकों तक पायलट प्रोजेक्ट में स्कूल मित्र पहुंचे. जहां पर बच्चों के पढ़ाई से लेकर उनकी हर एक गतिविधियों के बारे में बात की.
अभिभावक और सिस्टम के बीच बेहतर संवाद बनाएंगे 'स्कूल मित्र शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने पैरेंट आउटरीच कार्यक्रम के दौरान एक टोल फ्री नंबर 8069666666 भी जारी किया है. इस नंबर के जरिए स्कूल मित्र अभिभावकों से संवाद कर सकेंगे. इस संवाद के लिए एक स्कूल मित्र को 50 अभिभावकों की सूची दी जाएगी. वह छात्रों की नियमित रिपोर्ट लेंगे और अभिभावकों को इस बात के लिए जागरूक करेंगे कि वो बच्चे के साथ कैसा व्यवहार करें, उसकी पढ़ाई का कैसे ख्याल रखें और ये भी पता चले कि बच्चे को किस तरह के सपोर्ट की जरूरत है. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने एक पोस्टर भी जारी किया. इस पोस्टर में छात्र के क्लास टीचर से लेकर प्रिंसिपल व हर एक जानकारी उपलब्ध रहेगी. वहीं इस पोस्टर को घर में लगाने के लिए अभिभावकों को दिया जाएगा. जिससे कि उन्हें क्लास टीचर से लेकर प्रिंसिपल की जानकारी हो.
इस दौरान शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर यह कार्यक्रम कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय से पहले शुरू किया होता तो शिक्षकों को बच्चों से जुड़ने में परेशानी नहीं आती. लेकिन कोविड-19 के दौरान शिक्षकों ने बच्चों को उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए जो भी कदम उठाया है वह सराहनीय है. शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि लगभग 99 फ़ीसदी शिक्षकों का टीकाकरण हो चुका है. वहीं इस मौके पर शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने भी पढ़ाई में अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि पढ़ाई में सबसे बड़ा रोल अभिभावक का भी होता है. इसलिए उनसे संवाद बहुत जरूरी है.
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