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इंडोनेशिया के प्रतिबंध का नहीं होगा असर, देश में खाद्य तेल का पर्याप्त भंडार: सरकार

इंडोनेशिया द्वारा खाद्य तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद केंद्र सरकार ने बयान जारी किया है. केंद्र सरकार का दावा है कि भारत के पास खाद्य तेल का पर्याप्त भंडार है और इंडोनेशिया के प्रतिबंध का को असर नहीं पड़ेगा. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट.

Edible oil
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Published : May 1, 2022, 8:46 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत के पास सभी खाद्य तेलों का प्रचुर भंडार है. देश में सभी खाद्य तेलों का वर्तमान भंडार 21 लाख टन है. 12 लाख टन तेल रास्ते में है जो इस महीने तक आ जाएगा. उद्योग के सूत्रों का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध के कारण देश के पास इस अवधि को कवर करने के लिए पर्याप्त भंडार है.

दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक इंडोनेशिया ने पिछले महीने पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. पिछले हफ्ते सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध में भारत जैसे देशों द्वारा आयात किए जाने वाले कच्चे पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध भी शामिल है. भारत के खाद्य तेल आयात में ताड़ के तेल की हिस्सेदारी 2/3 है. पाम तेल जिसमें कच्चे और परिष्कृत पाम तेल दोनों शामिल हैं, कुल खाद्य तेलों का लगभग 62% है जो ज्यादातर इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात किया जाता है. जबकि सोयाबीन तेल, जो भारत के कुल खाद्य तेल आयात का 22% है, अर्जेंटीना और ब्राजील से आयात किया जाता है. सूरजमुखी तेल, जो देश के खाद्य तेल आयात का 15% हिस्सा है, मुख्य रूप से यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वैश्विक उत्पादन में कमी और निर्यातक देशों द्वारा निर्यात कर और लेवी में वृद्धि के कारण खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर दबाव है.

इस साल तिलहन का उत्पादन अधिक होना तय:भारत दुनिया में तिलहन के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है और यह क्षेत्र कृषि अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. वर्ष 2021-22 के दौरान जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार देश में करीब 37.14 मिलियन टन तिलहन का उत्पादन होगा. विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की है कि इंडोनेशियाई पाम तेल के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध देश में खाद्य तेलों की उपलब्धता और कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. इन आशंकाओं को दूर करते हुए अधिकारियों ने कहा कि खाद्य तेलों की कीमतों पर दिन-प्रतिदिन कड़ी नजर रखी जा रही है ताकि खाद्य तेल की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए उचित उपाय किए जा सकें. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कीमतें स्थिर रहें और उपभोक्ताओं का हित संरक्षित हो.

खाद्य तेल की कीमतों की साप्ताहिक निगरानी: खाद्य सचिव की अध्यक्षता में और साप्ताहिक बैठकें करने वाली अंतर-मंत्रालयी समिति की बैठक किसानों, उद्योग और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेल सहित कृषि वस्तुओं की कीमतों और उपलब्धता की बारीकी से निगरानी कर रही है. अधिकारियों ने कहा कि समिति साप्ताहिक आधार पर कीमतों की स्थिति की समीक्षा करती है. घरेलू उत्पादन, मांग, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की मात्रा के आधार पर खाद्य तेलों और अन्य खाद्य पदार्थों के संबंध में प्रासंगिक उपायों पर विचार करती है.

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अधिकारियों के अनुसार आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने के लिए केंद्र और राज्यों दोनों द्वारा विशेष टीमों का गठन किया गया है. ये औचक निरीक्षण करके बेईमान तत्वों की जांच करना जारी रखेंगे. देश में खाद्य तेलों के एक अन्य महत्वपूर्ण स्रोत सोयाबीन के बढ़े हुए उत्पादन के बारे में बात करते हुए अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 20221-22 के लिए उत्पादन 126.10 लाख टन है, जो पिछले साल के उत्पादन से लगभग 112 लाख टन अधिक है. वहीं एक और राहत की बात यह है कि सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में सरसों की बुवाई के रकबे में 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

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