नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रतिशोध की राजनीति को लेकर केंद्र को फटकार लगाई और कहा कि कर्नाटक (Karnataka) इकाई के प्रमुख डीके शिव कुमार (Congress leader DK Shiv Kumar) को ईडी का समन भारत जोड़ो यात्रा को बाधित करने का एक प्रयास था. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने कहा कि 'यह और कुछ नहीं बल्कि बदले की राजनीति है. कार्रवाई इकाई के प्रमुख डीके शिव कुमार को यात्रा में चलने से वंचित कर देगी. उन्होंने इस वजह से ईडी से समन की तारीख टालने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार ने इससे इनकार किया. यह ईडी का दुरुपयोग है.'
कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात अक्टूबर को नया समन शिव कुमार को पांच अक्टूबर को रात नौ बजे जारी किया गया था, जिसके बाद एआईसीसी प्रभारी कर्नाटक रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र को फटकार लगाई थी. सुरजेवाला ने कहा कि 'यात्रा के लिए भारी समर्थन से डरे हुए और दहशत में हैं. यात्रा ने मोदी-बोम्मई सरकारों की नसों को पागलपन की हद तक तोड़ दिया है. यात्रा को रोकने के लिए शिवकुमार को बार-बार ईडी (ED) का समन भेजा जा रहा है, लेकिन बोम्मई सरकार को हटाने के लिए लोगों का मार्च नहीं रुकेगा.
पिछले दिनों जैसे ही यात्रा ने दक्षिणी राज्य में प्रवेश किया, कांग्रेस ने बोम्मई सरकार को 40 प्रतिशत कमीशन लेने वाली सरकार बताया और इसी को लेकर लगातार निशाने पर ले रही है. तालिकाओं को मोड़ने के प्रयास में श्रीनेट ने केंद्र से 2016 में रेलवे अधिकारियों को कथित रिश्वत लेने के लिए हाल ही में अमेरिकी कार्रवाई की व्याख्या करने के लिए कहा. उस दौरान पीयूष गोयल मंत्री थे. उन्होंने कहा कि 'एक अमेरिकी कंपनी द्वारा रेलवे अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपों का केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए.'
आगे उन्होंने कहा कि 'अमेरिकी बाजार नियामक एसईसी ने हाल ही में 2016 में रेलवे अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए ओरेकल कंपनी पर 23 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया था, जब पीयूष गोयल मंत्री थे.' श्रीनेट ने कहा कि 'क्या इस घोटाले में शामिल सभी लोगों का पता लगाने के लिए अमेरिकी कार्रवाई की कोई अनुवर्ती जांच हुई है. दरअसल, ऐसे भ्रष्टाचार के कारण भारतीय रुपया कमजोर होता जा रहा है.' कांग्रेस प्रवक्ता ने रुपये के मूल्य में गिरावट के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया, जो शुक्रवार को 82 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया था.
श्रीनेट ने आगे कहा कि कांग्रेस मुनाफा कमाने वाले व्यवसायों के खिलाफ नहीं थी, बल्कि केंद्र की नीतियों के खिलाफ थी, जो कथित तौर पर मेगा एकाधिकार पैदा कर रही थीं. यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी उस समय बड़े कारोबारियों का विरोध कर रही थी, जब गौतम अडानी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आयोजित राजस्थान निवेश शिखर सम्मेलन में मुख्य अतिथि थे, कांग्रेस प्रवक्ता ने इस आरोप से इनकार किया. उन्होंने कहा कि 'हम अदानी या अंबानी के खिलाफ नहीं हैं. हम लाभ के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन हम उन नीतियों के खिलाफ हैं, जो एकाधिकार पैदा करती हैं.'
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आगे उन्होंने कहा कि 'आज अडानी समूह सभी बड़े व्यवसायों में शामिल है और आठ सालों में 600वीं रैंक से नीचे होने के बाद दुनिया का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति बन गया है. केंद्र की नीतियों ने उनके उत्थान में सहायता की. काश सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में गरीबी में धकेले गए 5.6 करोड़ लोगों के लिए भी ऐसी ही चिंता दिखाई होती.' उन्होंने कहा कि देश को निजी व्यवसायों से निवेश की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसे उद्यम लोगों के लिए रोजगार पैदा करते हैं. उन्होंने कहा कि 'लेकिन क्या सरकार जवाब देगी कि पिछले सालों में बड़े कारोबारियों ने कितनी नौकरियां पैदा की हैं?'