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ईडी ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं और पूर्व सांसद को तलब किया - tmc leaders in ponzi scam case

चटर्जी ने कहा उन्हें अब तक सीबीआई से इस तरह को कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे बुलाया जाता है तो मैं निश्चित तौर पर जाऊंगा. मैं मंत्री होने के नाते किसी भी जनसभा में उपस्थित हो सकता हूं.

tmc leaders in ponzi scam case
ईडी ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं और पूर्व सांसद को तलब

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Published : Mar 12, 2021, 10:18 PM IST

नई दिल्ली/कोलकाता: सीबीआई ने आईकोर ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े पोंजी घोटाला मामले की जांच के संबंध में तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को तलब किया है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी एक अलग पोंजी घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता मदन मित्रा को समन जारी किया है. एजेंसियों के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

ईडी ने मामले के संबंध में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं उद्योगपति स्वप्न सधन बोस और पत्रकार अहमद हसन इमरान को भी समन जारी किया है. सूत्रों ने बताया कि करोड़ों रुपये के सारदा घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले की जांच कर रही ईडी ने इमरान, बोस और मित्रा को क्रमश: 17, 18 और 19 मार्च को उसके अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा है.

इससे पहले सारदा घोटाला मामले में मित्रा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और वह 21 महीने तक जेल में रहे थे. वह सितंबर 2016 में जमानत पर रिहा हुए थे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले चटर्जी को 15 मार्च को कोलकाता कार्यालय में सीबीआई टीम के समक्ष पेश होने को कहा गया है. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने निवेश पर उच्च लाभ देने की पेशकश कर लोगों से कथित तौर पर 3,000 करोड़ रुपये जुटाने के मामले में आईकोर समूह के खिलाफ मामला दर्ज किया था. समूह पर एकत्र किए गए धन के हिस्सों को अन्य स्थानों पर लगाने और लाभ के साथ रकम वापस करने के वादे से मुकरने का आरोप है.

इस बीच, चटर्जी ने कहा उन्हें अब तक सीबीआई से इस तरह को कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे बुलाया जाता है तो मैं निश्चित तौर पर जाऊंगा. मैं मंत्री होने के नाते किसी भी जनसभा में उपस्थित हो सकता हूं. याद रखें कि राजनीति में शामिल होने के लिए मैं बेहद आकर्षक नौकरी छोड़ चुका हूं और मुझे पैसे का कोई लालच नहीं है. चटर्जी पूर्व में आईकोर समूह द्वारा आयोजित कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में कथित तौर पर उपस्थित रहे थे.

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जांच एजेंसी ने 2014 में इस मामले को अपने हाथों में ले लिया था और कंपनी के खिलाफ आपराधिक साजिश एवं धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. उच्चतम न्यायालय ने 2014 में सीबीआई को चिटफंड संबंधी उन सभी मामलों की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था, जिनकी जांच राज्य पुलिस द्वारा की जा रही थी.

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