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PMLA जांच में ईडी ने कार्ति चिदंबरम को बुलाया, सांसद बोले- सबसे फर्जी मामला

ईडी ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के सिलसिले में बुलाया. हालांकि, वह पेश नहीं हुए और इस मामले को फर्जी बताया. PMLA case Karti Chidambaram summons

ED summons Karti Chidambaram in PMLA probe MP calls it most bogus case
PMLA जांच में ईडी ने कार्ति चिदंबरम को बुलाया, सांसद ने इसे सबसे फर्जी मामला बताया

By PTI

Published : Dec 13, 2023, 11:11 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश नहीं हुए और मामले को सबसे फर्जी करार दिया. तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से 52 वर्षीय विधायक को केंद्रीय एजेंसी ने इस सप्ताह यहां अपने कार्यालय में पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच किए जा रहे मामले में अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था.

समझा जाता है कि सांसद ने ईडी को सूचित किया है कि वह संसद के चालू सत्र में व्यस्त हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर के अनुसार 2022 का ईडी मामला वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष कार्यकारी द्वारा कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करने के आरोपों से संबंधित है. यह पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रहा था.

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की शिकायत से निकला है. कार्ति ने न्यूज एजेंसी से कहा कि यह मामला सबसे फर्जी है और उनकी कानूनी टीम इसे आगे बढ़ाएगी. उन्होंने कहा, 'मुझ पर थोपे गए मामलों की तीन श्रेणियां हैं: फर्जी, अधिक फर्जी और सबसे फर्जी. यह श्रेणी तीन हैं. इसे मेरे वकील निपटाएंगे.' सीबीआई ने पिछले साल चिदंबरम परिवार के परिसरों पर छापा मारा था और भास्कररमन को गिरफ्तार किया था, जबकि कार्ति से पूछताछ की गई थी.

सीबीआई के आरोपों के अनुसार बिजली परियोजना स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और तय समय से पीछे चल रहा था. सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार टीएसपीएल के एक कार्यकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का आदान-प्रदान किया गया था.

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि मानसा स्थित बिजली संयंत्र में काम करने वाले चीनी श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा फिर से जारी करने के लिए टीएसपीएल के तत्कालीन एसोसिएट उपाध्यक्ष विकास मखारिया ने भास्कररमन से संपर्क किया था. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मखरिया ने अपने करीबी सहयोगी दमी भास्कररमन के माध्यम से कार्ति से संपर्क किया.

आरोप लगाया गया, 'उन्होंने उक्त चीनी कंपनी के अधिकारियों को आवंटित 263 प्रोजेक्ट वीजा के पुन: उपयोग की अनुमति देकर सीलिंग के उद्देश्य को विफल करने के लिए पिछले दरवाजे का रास्ता तैयार किया.' एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि प्रोजेक्ट वीजा एक विशेष सुविधा थी जिसे 2010 में बिजली और इस्पात क्षेत्र के लिए पेश किया गया था, जिसके लिए गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए थे, लेकिन प्रोजेक्ट वीजा को फिर से जारी करने का कोई प्रावधान नहीं था.

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