लखनऊ :अवैध धर्मांतरण मामले (Illegal Religious Conversion Case) की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. ED धर्म परिवर्तन की मुहिम के अहम किरदार और 1000 लोगों के धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार मौलाना उमर गौतम उर्फ श्याम प्रताप सिंह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ED की अलग-अलग टीमों ने शनिवार को लखनऊ, कानपुर, फतेहपुर व दिल्ली के बाटला हाउस समेत छह ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान ED ने इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) के रिकार्ड खंगाले. ED की सूत्रों की मानें तो रिकार्ड में इकोनॉमिक फ्रॉड के लिए कई फर्जी धर्मांतरण कराने की बात का खुलासा हुआ है. साथ ही विदेशी फंड लेने के भी सुबूत मिले हैं. ED कागजातों की गहराई से पड़ताल करेगी.
लखनऊ की संस्था में मिले कई संदिग्ध दस्तावेज
ED ने लखनऊ स्थित अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन और गाइडेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के दफ्तरों पर छापेमारी की है. ये संगठन उमर गौतम द्वारा चलाए जा रहे हैं और अवैध धर्मांतरण को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. तलाशी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो पूरे भारत में आरोपी उमर गौतम और उनके संगठनों द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का खुलासा करते हैं. दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि अवैध रूप से धर्मांतरण के उद्देश्य से आरोपी संगठनों द्वारा प्राप्त कई करोड़ विदेशी फंडिंग की गई है.
कानपुर में भी अवैध धर्मांतरण का मामला
ED ने कानपुर में भी छापेमारी की है. यहां अवैध धर्मांतरण के कई मामले प्रकाश में आए हैं. धर्मांतरण के मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर गौतम के बहुत सारे सहयोगी हैं. अवैध धर्मान्तरण के एवज में इन्हें विदेशों से फंडिंग की जा रही है. ED ने उन बैंक खातों को डिटेल के कागजात कब्जे में लिए हैं. इसके साथ ही फतेहपुर में भी एक ठिकाने पर छापेमारी की गई.