रांचीः जिला के पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट छवि रंजन जो वर्तमान समय में झारखंड समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर तैनात हैं, ईडी की रडार पर हैं. गुरुवार सुबह छवि रंजन के ठिकानों पर ईडी का छापा शुरू हो गया. इसके साथ ही रांची राजधानी में कई जमीन कारोबारी और रांची में तैनात रहे कई सीओ के यहां भी ईडी ने दबिश दी है.
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ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छवि रंजन के रिश्तेदार, साथ ही जमीन कारोबारी और कई अंचलाधिकारी के यहां एक साथ दबिश दी गई है. इस छापेमारी में रांची, जमशेदपुर के साथ-साथ कुछ अन्य शहर भी शामिल हैं. इसके अलावा राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी में ईडी की टीम छापेमारी कर रही है.
आईएएस अधिकारी छवि रंजन को जिन मामलों में लेकर ईडी संदेह के दायरे में रखकर छापेमारी कर रही है, उसमें रांची के करम टोली में सेना की 4.55 एकड़ जमीन को गलत तरीके से बेचने का मामला सामने आया है. इसके साथ ही कई जमीनों की रजिस्ट्री, उसका म्यूटेशन भी गलत तरीके से कराने का मामला शामिल है. इसमें जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है और जब जमीन का हेर-फेर किया गया था उस समय छवि रंजन ही रांची के डीसी थे.
इस मामले में ईडी ने पहले ही तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी और घासीराम पिंगुआ से पूछताछ कर चुकी है और इसमें आधा दर्जन से ज्यादा अंचलाधिकारी ईडी की जांच की जद में हैं. यह सभी हेर-फेर आईएएस छवि रंजन के रांची डीसी रहते हुआ है. इन तमाम मामलों को लेकर ईडी की छापेमारी चल रही है. प्राथमिक तौर पर जो जानकारी मिली है उसमें छापेमारी की वजह यही बताई जा रही है और छापेमारी के बाद ही पता चल पाएगा और किन किन मामलों को लेकर ईडी ने आईएएस छवि रंजन के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की है.
बिहार के गोपालगंज में ईडी का छापाः सेना की जमीन में हेरा-फेरी के मामले में बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के बनतैल गांव में कुचायकोट प्रखंड प्रमुख बबली सिंह के भाई राजेश राय के घर ईडी के पांच सदस्यीय टीम ने गुरुवार की सुबह छापेमारी की. इस दौरान ईडी की टीम ने परिवार के सदस्यों से पूछताछ के बाद विभिन्न कागजातों की जांच कर रही है.
यहां पर करीब 6 घंटे से ईडी की टीम जांच कर रही है. बनतैल गांव निवासी राजेश राय के पिता स्व. जगदीश राय झारखंड के जमशेदपुर में किसी विभाग में कार्यरत थे. इसी बीच उन्होंने एक 22 कट्टा जमीन खरीदी थी लेकिन इसकी जानकारी परिजनों को नहीं थी. इसी दौरान जमशेदपुर का कोई व्यक्ति राजेश राय के घर पहुंचा और लीज पर जमीन की मांग की और राजेश राय ने लीज पर जमीन दे दी. इसके बाद पता चला कि ये जमीन सेना की है. मामला संज्ञान में आने के बाद ईडी ने बिहार के तीन जगह एक साथ रेड शुरू की.