रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की कार्रवाई पूरे छत्तीसगढ़ में जारी (ED action in Chhattisgarh ) है. आईएएस अधिकारियों के गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया . आईएएस समीर बिश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को CRPF के घेरे में कोर्ट लाया गया. छापेमार कार्रवाई के बाद आईएएस समीर बिश्नोई समेत 3 कारोबारियों को हिरासत में लिया गया है. तीनों का मेकाहारा में मेडिकल चेकअप कराने के बाद ईडी कोर्ट लेकर पहुंची.लेकिन एक कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को कोर्ट में पेश नहीं किया गया है. बाकी आरोपियों को फोर्थ एडीजे अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया गया. ईडी के वकील ने 14 दिन की रिमांड मांगी है. वहीं बचाव पक्ष ने अपना पक्ष रखा
तीनों के वकील अलग-अलग :कोर्ट में पेश होते ही वकीलों के बीच बहस शुरू हो गई. आईएएस समेत कारोबारियों ने अपने अलग-अलग वकील रखे हैं. आईएएस समीर बिश्नोई का पक्ष एसके फरहान ने रखा. कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी के लिए वकील फैजल रिजवी और सुनील अग्रवाल के लिए दिल्ली से वकील आए हैं. जिनका नाम विजय अग्रवाल है. दोनों पक्षों में बहस हो रही है.
ईडी द्वारा गिरफ्तारी मामले में बचाव पक्ष के वकीलों ने रखी आपनी दलील: मीडिया को फैजल रिजवी ने बताया '' ईडी ने 14 दिन की कस्टडी मांगी है. हमने उसका अपोज किया है. IT रेड पहले हुई थी. जो भी मिला है, वह इनकम टैक्स में मिला है. ED के शेड्यूल ऑफेंस में नहीं आता है.'' गिरफ्तारी को वकील ने गैरकानूनी बताया. उन्होंने कहा कि ''किस बेस पर गिरफ्तारी की है, उसकी जानकारी अभी दी जाएगी. सुनवाई कोर्ट में अब भी जारी है. जितने भी कैश मिले, सभी आईटी की कार्रवाई में मिले हैं.''
बचाव पक्ष के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, ''हमने रिमांड पर विरोध जताया है. ईडी ने जो मैथड अपनाया है वो गलत है. ईडी ने जो गिरफ्तार किया है, वह गैरकानूनी है. यह आईटी का मामला है, ईडी का नहीं. आईटी के कार्रवाई में कैश मिले थे, उस पर ईडी ने कैसे कार्रवाई कर दी. हमनें गिरफ्तारी का विरोध किया है.
विजय अग्रवाल ने अपील करते हुए कहा कि ''यदि आप पीआर देते हैं तो पूछताछ में वकील बैठाने की अनुमति दें. सिर्फ सुनने की कैपिसिटी से नहीं. मेरे क्लाइंट से पूछताछ के दौरान वकील को बोलने की अनुमति के साथ अलाउ करें.''
क्या है मामला :बता दें कि मंगलवार से छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के 40 अफसरों की टीम ने तीन आईएएस, पूर्व विधायक और शराब, कोल कारोबारियों के डेढ़ दर्जन ठिकानों पर दबिश दी है. इन सभी ठिकानों से अब तक चार करोड़ की नकदी और जेवरात सीज किया गया है. इनके यहां से निवेश के साथ साथ खनन लाइसेंस से जुड़े दस्तावेज भी बड़ी संख्या में मिले हैं. इसी के मद्देनजर इन अफसरों से पूछताछ की जा रही थी. जिसके बाद ईडी ने गुरुवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया है.
सीएम भूपेश ने कार्रवाई पर दिया बयान : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''छत्तीसगढ़ में भाजपा की दाल नहीं गलने वाली है. मैंने पहले भी कहा है कि चुनावी दौरा होता है और इधर कार्रवाई शुरू होती है. असम में विधानसभा चुनाव के दौरान कार्रवाई हुई. झारखंड में चुनाव के दौरान कार्रवाई हुई और अब हिमाचल प्रदेश गया और कार्रवाई हो रही है. आखिर कांग्रेस शासित राज्यों में ही कार्रवाई क्यों की जा रही है ? जो सबूत के साथ शिकायत की है, उन मामले पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?''
इतना ही नहीं भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर भी जोरदार हमला बोला है.'' उन्होंने कहा कि पूर्व में आपने अपनी सरकार के समय ही कहा था कि 1 साल कमीशन मत लो, 30 साल राज करेंगे. नान मामले को लेकर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है. सीएम सर और सीएम मैडम को लेकर अब तक कोई जांच नहीं की गई. इसकी जांच ईडी क्यों नहीं कर रही है. इससे साफ जाहिर है कि यह जो जांच एजेंसियां हैं, वह केंद्र के इशारे पर गैर भाजपा शासित राज्यों के लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है. यदि यह लोग इनकी पार्टी में चले जाते हैं तो सब धुल जाता है. जो गलत है उस पर कार्रवाई हो, इसके पक्षधर हैं हम''
कोरबा में भी दबिश : गुरुवार को ईडी की टीम कोरबा जिले के कलेक्ट्रेट भी पहुंची. कोरबा में प्रथम तल भवन पर किसी भी व्यक्ति के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया (investigation of mineral building) है. प्रथम तल भवन में ही कलेक्टर चेंबर के साथ ही आदिवासी विकास विभाग, खनिज और खनिज विभाग का कार्यालय संचालित है. छत्तीसगढ़ में चल रही ईडी की कार्रवाई कहीं ना कहीं कोयला कारोबार से जुड़ी है. इसका केंद्र बिंदु कोरबा और यहां संचालित एसईसीएल की कोयला खदानों से मिलने वाला करोड़ों रुपये का राजस्व है.
कितने का राजस्व होता है प्राप्त :कोरबा के खनिज न्यास फंड से अकेले कोरबा जिले को औसतन 300 करोड़ रुपए सालाना राजस्व प्राप्त होता है. इस विभाग का कार्यालय कोरबा कलेक्टर के प्रथम तल पर संचालित है. अब यहां पूछताछ की जा रही है. खबर है कि आदिवासी विभाग और खनिज विभाग के साथ ही वर्तमान कोरबा कलेक्टर संजीव झा से भी ईडी की टीम पूछताछ कर रही है. वहीं कोरबा की पूर्व कलेक्टर रहीं रानू साहू पर भी शिकंजा कस रहा है. रानू साहू ने एक पत्र भी ईडी को लिखा है. उनके पति से भी पूछताछ हो रही है. आईएएस रानू साहू ने स्वास्थ्य का हवाला देकर अभी बाहर होने की बात ईडी को बताई है. रानू साहू ने वापसी के बाद ईडी की जांच में सहयोग करने की बात कही है.
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ED की कार्रवाई कब क्या हुआ, कब शुरु हुई सियासत
कब शुरु हुई ED की कार्रवाई :11 अक्टूबर मंगलवार सुबह 5 बजे कई शहरों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दबिश दी. इस बार ED भूपेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कारोबारियों के घर भी पहुंची. जिसमें कुछ ऐसे भी लोग शामिल हैं जिन पर पहले आईटी की भी रेड पड़ चुकी है. दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ और महासमुंद बिलासपुर में ईडी की छापामार कार्रवाई जारी है. दुर्ग में सौम्या चौरसिया, रायपुर के देवेंद्र नगर में सीए विजय मालू, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के रायगढ़ निवास, महासमुंद में अग्नि चंद्राकर और अनुपम नगर रायपुर स्थित सूर्यकांत तिवारी, माइनिंग हेड IAS जेपी मौर्या के रायपुर आवास में ईडी का छापा पड़ा.
IAS के घरों पर दबिश : रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के घर भी ED का छापा पड़ा. ED की टीम के दर्जन भर से अधिक अधिकारी कलेक्टर के घर पहुंचे. आय से अधिक संपत्ति और बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत पर ED की टीम कलेक्टर के घर पहुंची है. रायगढ़ के गांजा चौक निवासी नवनीत तिवारी के घर में भी छापा पड़ा है. इसके बाद दुर्ग में ED की टीम सौम्या चौरसिया के घर पहुंची. ईडी की टीम भिलाई के सौम्या चौरसिया के निवास में भी पहुंची . पुलिस टीम ने सूर्या रेसिडेंट कॉलोनी को घेरकर कार्रवाई की है. इसके पहले भी दो से तीन बार करोड़ों रुपयों की अवैध लेनदेन को लेकर ईडी सौम्या चौरसिया के घर पर कार्रवाई कर चुकी है.
ईडी ने बरामद किए करोड़ों रुपए :प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और व्यापारियों के परिसरों पर छापेमारी के दौरान 4 करोड़ रुपये नकद बरामद किए. इस छापेमारी में बेहिसाब गहने और सोना भी बरामद किया गया है. ईडी सूत्रों ने बताया कि ''कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के परिसरों से आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. केंद्रीय एजेंसी ने मंगलवार तड़के दुर्ग, रायगढ़, महासमुंद और राजधानी रायपुर में छापेमारी की.
सीएम भूपेश ने पहले ही दे दिए थे संकेत:छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले ही ED की छापेमारी को लेकर आशंका जताई थी. उन्होंने कहा था "जिन राज्यों में चुनाव नजदीक आते हैं या वहां की सियासत में जोड़ तोड़ नहीं हो पाता तो वहां ईडी पहुंच जाती है. चूंकि छत्तीसगढ़ में भाजपा की दाल नहीं गल रही है. ऐसे में जल्द ही ईडी की छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना है."
पूर्व सीएम रमन ने लगाए आरोप :ईडी की कार्रवाई को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. डॉ सिंह ने कहा कि "शायद हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि किसी जिले में सीटिंग कलेक्टर के घर पर ईडी की रेड हुई और शासकीय आवास को सील करने की कार्रवाई की गई हो. इस घटना के बाद देश और दुनिया के सामने छत्तीसगढ़ शर्मसार हो गया है. हमने कभी कल्पना नहीं किया था कि 40 40 घरों में ईडी छापा मारेगी. भूपेश बघेल तो कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी के एटीएम है. कोयले के ऊपर से अवैध वसूली वर्षों से हो रही है. जिसकी कीमत कई हजार करोड़ होगी. जो इस कदर खुलेआम हो रहा है कि कोरबा के पान ठेलेवाले से कलेक्टर तक सब जानते हैं कि पैसा कौन लेता है और कहां जाता है.''
सीएम भूपेश ने किया पलटवार :पूर्व सीएम रमन के आरोपों के बाद CM भूपेश बघेल ने पलटवार किया.सीएम बघेल ने कहा है कि '' कौन डर रहा है, डर तो इनके मन में है, डरते कोई नहीं हैं. रमन सिंह बार बार चुटका देते रहते (Raman Singh on ED raid ) हैं. इनका एक ही काम है. ये क्या करते हैं, जाकर बार बार शिकायत करते हैं दिल्ली में. रमन सिंह जी जो बयान दिया है, वो घोर आपत्तिजनक है. वो कहते हैं कि सोनिया गांधी के एटीएम हैं. वो कहते हैं कि 25 रुपया टन कोयला में ले रहे हैं, प्रमाणित करें, अन्यथा सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, अन्यथा उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मानहानि का दावा भी (CM Bhupesh said to claim defamation) ठोकूंगा.''