जयपुर. राजस्थान में बड़ी संख्या में युवा ऑनलाइन सट्टे की लत के चलते अपना भविष्य खराब कर रहे हैं. ऑनलाइन सट्टे से जुड़े महादेव बुक एप प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद इन दिनों सुर्खियों में है. इस महादेव एप के जरिए ऑनलाइन सट्टे से जुड़े ज्यादातर लोग राजस्थान के नागौर जिले के ही हैं. राजस्थान में इस एप का कर्ता-धर्ता भी नागौर का ही बताया जा रहा है. हालांकि, ऑनलाइन सट्टेबाजी के इस एप को दुबई में बैठकर संचालित किया जा रहा है. ईडी की पड़ताल में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस की कार्रवाई के बाद ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ा महादेव एप चर्चा में आया था. इसके बाद ईडी ने धन शोधन एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद इस साल 15 सितंबर को 39 शहरों में छापेमारी कर ईडी ने 417 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी. ईडी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पड़ताल में सामने आया है कि महादेव एप से राजस्थान में 800 करोड़ रुपए का ऑनलाइन सट्टा लगाया गया है. इसमें 70 फीसदी से ज्यादा लेन-देन नागौर के खातों में हुआ है. इस मामले में नागौर एसपी रहे राममूर्ति जोशी ने भी बड़ी बात कही है.
पढ़ें. राजस्थान : IPL मैचों में सट्टा लगाने वाले 9 आरोपी गिरफ्तार, 500 करोड़ रुपये का मिला हिसाब
सौरभ चंद्राकर एप का सूत्रधार :ईडी की पड़ताल में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला सौरभ चंद्राकर महादेव सट्टा एप का मुख्य सूत्रधार है. वह दुबई से इसका संचालन करता है. राजस्थान में इस एप के जरिए करीब 800 करोड़ रुपए का ऑनलाइन सट्टा लगाया गया है. इसमें से 70 फीसदी ट्रांजेक्शन नागौर के खातों से हुआ है.
बड़ी खाटू का लकी सौरभ का करीबी :महादेव ऑनलाइन सट्टा एप का संचालन दुबई से हो रहा है, लेकिन इसका राजस्थान का काम देखने वाला लकी गोयल नागौर जिले के बड़ी खाटू का रहने वाला है. वह इस एप के सूत्रधार सौरभ चंद्राकर का करीबी है और पिछले दिनों दुबई में हुई उसकी शादी में भी शामिल हुए था. हालांकि, बताया जा रहा है कि लकी अभी बड़ी खाटू में नहीं रहता है. ऐसे में अंदेशा है कि वह कहीं और से सट्टेबाजी करवाता है और युवाओं को इस दलदल में धकेल रहा है.
पढ़ें. Online Satta in Chittorgarh: पुलिस के हत्थे चढ़े 6 सटोरी, पेड़ के नीचे बैठकर खेला रहे थे ऑनलाइन सट्टा, लाखों का हिसाब बरामद
Whatsapp से युवाओं को जोड़ रहे, UPI से भुगतान :ईडी की पड़ताल में सामने आया है कि ऑनलाइन एप के जरिए सट्टेबाजी करवाने वाले शातिर वाट्सएप के जरिए युवाओं को जोड़ते हैं. इसके बाद निर्धारित रकम यूपीआई ट्रांजेक्शन के जरिए खातों में जमा करवाते हैं. जीतने पर रकम की निकासी भी यूपीआई के जरिए ही होती है.
क्रिकेट-फुटबॉल से लेकर चुनाव पर भी लगवाते सट्टा :निर्धारित रकम जमा करवाने के बाद किसी भी नए व्यक्ति की आईडी बनाई जाती है. इसी आईडी के जरिए वह सट्टेबाजी कर सकता है. ऑनलाइन सट्टेबाजी एप में क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, तीन पत्ती, पोकर, कैसीनो और चुनाव तक पर सट्टे के भाव लाइव चलते रहते हैं. इनमें से किसी पर भी सट्टा लगाया जा सकता है. सट्टेबाजी में लगने वाली रकम के आधार पर ग्राहकों की श्रेणी भी निर्धारित होती है.
ऑनलाइन सट्टा लगाते सात पकड़े थे, इतना मिला हिसाब :नागौर एसपी रहे राममूर्ति जोशी का कहना है कि नागौर पुलिस ने 23 नवंबर को तोषीणा गांव में बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन सट्टा लगाते 7 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनके पास 62 लाख रुपए का हिसाब मिला था. इसके साथ ही ऑनलाइन सट्टेबाजी एप में ग्रामीणों के खातों की जानकारी मिली थी. हालांकि, इस मामले में पुलिस आगे की कड़ी नहीं जोड़ पाई.