नई दिल्ली :प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका का मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में विरोध करते हुए कहा कि वह भारतीय नागरिक नहीं है और उसके बचने की संभावना है.
ईडी ने हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया है कि जांच अभी भी जारी है और अगर मिशेल को रिहा किया जाता है, तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा और गवाहों पर दबाव बना सकता है. ईडी ने कहा है कि उसका प्रत्यर्पण काफी कठिनाइयाें और बाधाओं के बाद हो सका है. ईडी ने कहा कि वर्तमान मामले में किए गए अपराध में क्षेत्राधिकार में लेनदेन का एक जटिल वेब शामिल है और उसी के संबंध में जांच जारी है. याचिकाकर्ता की उपस्थिति सभी चरणों में महत्वपूर्ण है.
ईडी ने शीर्ष अदालत को बताया कि क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ने हिरासत में पूछताछ के दौरान अपनी कंपनियों के बैंक स्टेटमेंट और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराने का काम किया. पिछली सुनवाई पर अदालत ने ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया था और जमानत याचिका पर उनसे जवाब मांगा था. सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि वह विदेश भाग सकता है.
ब्रिटिश नागरिक मिशेल को 5 दिसंबर, 2018 को यूएई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. भारत आने पर उसे सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया और कुछ दिनों बाद वित्तीय जांच एजेंसी ईडी ने भी उसे गिरफ्तार किया था. तब से वह तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में बंद है. विभिन्न अदालतों ने कई मौकों पर मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
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