लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय मायावती सरकार में कद्दावर मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा से जुड़ी कंपनियों की जांच में जुट गया है. हाल ही में एजेंसी को कुशवाहा की कुछ बेनामी संपत्तियों की जानकारी मिली थी. जांच में पता चला कि ये संपत्तियां विंध्य शक्ति सीमेंट कंपनी के नाम से खरीदी गई हैं, जो कुशवाहा के करीबियों की हैं. ऐसे में अब ईडी इस कंपनी की जांच में जुट गई है.
बीते दिनों लखनऊ के कानपुर रोड स्थित जमीन को इनकम टैक्स विभाग ने बेनामी एक्ट के तहत जब्त की थी. बताया गया था कि यह जमीन बाबू सिंह कुशवाहा की थी और यह विंध्य शक्ति सीमेंट के नाम खरीदी गई थी. ऐसे में अब एजेंसी इस कंपनी के नाम से खरीदी गई सभी संपत्तियों का पता लगा रही है.
बता दें कि दस वर्षों से ईडी बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है. इसके अलावा एजेंसी ने आय से अधिक संपत्ति का भी मामला दर्ज किया है. एजेंसी को इन वर्षों में की गई जांच में पता चला है कि कुशवाहा ने घोटालों की रकम से कई बेनामी संपत्ति बनाई है. ऐसे में उन संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है, जिनका बेनामीदार कोई और है. सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने इनकम टैक्स विभाग से भी जानकारी मांगी थी. इसके आधार पर अब तक करीब 10 बेनामी संपत्तियों को एजेंसी चिह्नित कर चुकी है.
दरअसल, इससे पहले ईडी ने जांच में पाया था कि बाबू सिंह कुशवाहा ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और उप्र श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) में भ्रष्टाचार कर कमाई गई रकम को बेनामी संपत्तियों में लगाया था. ईडी ने अपनी जांच में पाया कि बहुत सी संपत्तियां बाबू सिंह कुशवाहा के परिवार और कुछ उनके करीबियों के नाम पर हैं. इसके बाद करीब ढाई सौ करोड़ की संपत्ति ईडी सीज कर चुकी है. इसके अलावा इनकम टैक्स विभाग भी कुशवाहा की संपत्तियों पर नजर गड़ाए हुए है. इसी सिलसिले में बीते साल सितंबर में आयकर विभाग ने छापेमारी की थी. इसमें सामने आया था कि बाबू सिंह कुशवाहा ने अपनी कई संपत्तियों को देशराज के नाम करवाई थी.
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