रांची: झारखंड में मानव तस्करी (Human Trafficker) के बड़े खिलाड़ी पन्नालाल महतो, उसकी पत्नी सुनीता कुमारी, भाई शिवशंकर गंझू समेत 10 लोगों पर ईडी (Enforcement Directorate) का शिकंजा कस गया है. शुक्रवार को ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (Prevention of Money Laundering) के स्पेशल कोर्ट में पन्नालाल समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. अभियोजन शिकायत में छह एजेंसियों के भी नाम शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल पन्नालाल, सुनीता, शिवशंकर गंझू, गोपाल उरांव द्वारा मानव तस्करी के लिए किया जाता था. इसी के साथ तस्कर के लिए दिल्ली में काम करने वाली एजेंसियां भी ED की रडार पर आ गई हैं.
पन्नालाल कैसे करता था मानव तस्करी:ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि पन्नालाल और उसके सहयोगियों की मानव तस्करी के लिए दिल्ली के कई प्लेंसमेंट एजेंसियों के साथ मिलीभगत थी. झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों से नाबालिग, बच्चियों, गरीब महिलाओं, आदिवासियों को दिल्ली में नौकरी दिलाने के लालच से ले जाया जाता था. वहां प्लेसमेंट एजेंसियों की मदद से सभी को अलग-अलग महानगरों में घरेलू नौकर के तौर पर काम में लगाया जाता था, लेकिन काम के बदले किसी को भुगतान नहीं किया जाता था. जब तस्करी के शिकार वापस झारखंड लौटना चाहते थे तो पन्नालाल व उसके सहयोगी ऐसे लोगों को गलत तरीके से रोकते थे. इन एजेंसियों ने दिल्ली सरकार से लाइसेंस भी नहीं लिया था.
5000 से अधिक की तस्करी:ईडी के मुताबिक पन्नालाल ने स्वीकार किया है कि उसने केवल दिल्ली में ही प्लेसमेंट एजेंसियों की मिलीभगत से 5000 से अधिक मानव तस्करी की घटनाओं को अंजाम दिया है, जिसके जरिए 5 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई पन्नालाल ने की है. जांच के बाद ईडी ने अबतक 3.36 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. जब्त संपत्ति पन्नालाल, सुनीता कुमारी, शिवकुमार गंझू समेत अन्य लोगों के नाम पर है. जांच में यह बात सामने आई है कि मानव तस्करी के पैसों से रांची के अरगोड़ा इलाके और खूंटी में चार प्लॉट लिए गए थे. इसके अलावे 17.71 लाख रुपये बैंक खातों से सीज किए गए थे. वहीं फॉर्च्यूनर गाड़ी भी ईडी ने जब्त की है.