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मनी लॉन्ड्रिंग केस : श्रीनगर कोर्ट ने चार्जशीट का संज्ञान लिया, फारूक अब्दुल्ला को समन जारी - फारूक अब्दुल्ला न्यूज़

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मंगलवार को आरोप पत्र दायर किया. पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने जेकेसीए फंड की हेराफेरी मामले में पूरक अभियोजन शिकायत का संज्ञान लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ समन जारी किया है.

Farooq Abdullah money laundering case
डॉ फारूक अब्दुल्ला

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Published : Jul 26, 2022, 4:16 PM IST

Updated : Jul 26, 2022, 5:01 PM IST

श्रीनगर : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप पत्र दायर किया. यह लगभग दो महीने बाद आया है, जब एजेंसी ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और संसद सदस्य डॉ अब्दुल्ला से तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने जेकेसीए फंड की हेराफेरी मामले में पूरक अभियोजन शिकायत का संज्ञान लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, सहयोगी अहसन अहमद मिर्जा, मीर मंजूर गजानफर और अन्य के खिलाफ समन जारी किया है.

ईडी के मुताबिक, उन्हें 18 अगस्त को पेश होने के लिए कहा गया है. ईडी के एक अधिकारी ने कहा, "पूरक अभियोजन शिकायत से पहले तीन अनंतिम कुर्की आदेशों के साथ-साथ चल और अचल संपत्ति को संलग्न किया गया था, जो कुल मिलाकर 21.55 करोड़ रुपये की थी, जो कुल मिलाकर डॉ. फारूक अब्दुल्ला, निजी फर्म मिर्जा संस, मीर मंजूर गजानफर और अहसन अहमद मिर्जा से संबंधित थी."

गौरतलब है कि यह मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) के धन को गैर-संबंधित पक्षों के विभिन्न व्यक्तिगत बैंक खातों में स्थानांतरित करने से संबंधित है. यह जेकेसीए और आरोपी व्यक्तियों को गलत तरीके से 43.69 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाने का मामला है. ईडी ने 2018 में जेकेसीए के छह पदाधिकारियों के खिलाफ रणवीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 120-बी, 406 और 409 के तहत मामला दर्ज किया था और सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र के आधार पर जांच शुरू की थी. इस मामले में ईडी ने अब तक 51.90 करोड़ रुपये की अपराध की आय का पता लगाया है.

इससे पहले ईडी ने जेकेसीए के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मिर्जा को 4 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ 1 नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज की गई थी. उसके बाद से यह मुकदमा चल रहा है.

बता दें कि डॉ फारूक इस साल 31 मई को सुबह करीब 11 बजे श्रीनगर के राजबाग स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे थे. ईडी कार्यालय के अंदर जाने से पहले, उन्होंने ईडी द्वारा अपनी पूछताछ को जम्मू कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़ा था. उन्होंने कहा, "मैं (समन के बारे में) ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा...चुनाव होने वाला है और वे तब तक हमें परेशान करेंगे." हालांकि, करीब साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ के बाद कार्यालय से बाहर निकलते समय वह काफी रिलेक्स दिखे, लेकिन बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.

यह भी बता दें कि इससे पहले, 27 मई को, ईडी ने मामले के संबंध में डॉ फारूक को अपने श्रीनगर कार्यालय में तलब किया था. अधिकारियों ने कहा था कि 84 वर्षीय पूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य के तीन बार के मुख्यमंत्री ने 2019 में इसी मामले में अपना बयान दर्ज किया था. डॉ फारूक 2001 से 2012 तक जेकेसीए अध्यक्ष थे और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी द्वारा जांच किये जा रहे घोटाले 2004 और 2009 के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी से संबंधित है.

Last Updated : Jul 26, 2022, 5:01 PM IST

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