नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में ईडी ने चावल मिलिंग घोटाले का खुलासा किया है. इस मामले में ईडी ने सोमवार को कई खुलासे किए हैं. ईडी ने प्रेस रिलीज कर इस बात को मीडिया के सामने रखा है. ईडी का दावा है कि मार्कफेड के पूर्व प्रबंध निदेशक और चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी इसमें शामिल हैं. इन्होंने उच्च शक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए 175 करोड़ की रिश्वत अर्जित की है.
चावल मिलिंग घोटाले पर ईडी ने क्या कहा: चावल मिलिंग घोटाले पर ईडी के आरोपों में मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी का नाम सामने आया है. इसके अलावा मिलर्स एसोसिएशन और कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर का नाम भी सामने आया है. इस घोटाले में जिला विपणन अधिकारी के शामिल होने की बात भी ईडी ने कही है. इस पूरे घोटाले का खुलासा आयकर विभाग की तरफ से की गई शिकायत के बाद हुई जांच में सामने आई है.
"छत्तीसगढ़ के पदाधिकारी चावल मिलर्स एसोसिएशन ने राज्य विपणन महासंघ लिमिटेड (मार्कफेड) के अधिकारियों के साथ सांठगांठ की. इसमें विशेष प्रोत्साहन का दुरुपयोग करने की साजिश रची गई. जहां राज्य सरकार की तरफ से चावल की कस्टम मिलिंग के लिए चावल मिलर्स को 40 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान किया गया था. ईडी ने कहा कि 40 रुपये की यह राशि को बढ़ाकर प्रति क्विंटल धान के एवज में 120 रुपये कर दिया गया. इसका भुगतान दो किस्तों में किया गया.": ईडी की तरफ से किया गया खुलासा