नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने बेंगलुरु स्थित एक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति के खिलाफ धन शोधन मामले में 19 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है, जिस पर संस्थान के कई विद्यार्थियों के माता-पिता को ठगने का आरोप है. इसमें पूर्व कुलाधिपति के परिवार की संपत्ति भी शामिल है.
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ये संपत्तियां मधुकर जी अंगुर, प्रियंका एम अंगुर, रवि कुमार के, श्रुति और पवन डिब्बर की है. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक कुर्की आदेश जारी किया गया है और संपत्तियों में एक बैंक खाता, छह फ्लैट और कुल 19.43 करोड़ रुपये मूल्य के दो भूखंड शामिल हैं.
एजेंसी ने दावा किया, 'मधुकर जी अंगुर ने माता-पिता से अपने बच्चों की फीस श्रीवारी एजुकेशनल सर्विसेज के नाम से अवैध रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा करने को कहा.'
बयान में कहा गया है, 'लगभग 4,500 छात्रों के माता-पिता को अवैध रूप से खोले गए बैंक खातों में फीस जमा करने के लिए राजी किया गया था और लगभग 107 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई थी. यह राशि 2016 और 2017 में ट्यूशन फीस, छात्रावास शुल्क और अन्य शुल्क के नाम पर मधुकर अंगुर और अन्य लोगों द्वारा निकाल ली गई थी.'
ईडी ने कहा, 'श्रीवारी एजुकेशनल सर्विसेज बैंक खाते से मधुकर जी अंगुर, प्रियंका एम अंगुर, रवि कुमार के, श्रुति के निजी बैंक खातों में पैसे हस्तांरित किए गए और उनके द्वारा इसे नकदी के रूप में निकाल लिया गया और अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग किया गया.'
एजेंसी ने इन आरोपों में बेंगलुरु पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद पूर्व कुलाधिपति और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया.
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