नई दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय ने हवाला कारोबारी नरेश जैन के खिलाफ मनी लांड्रिंग जांच में 65 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. जांच एजेंसी ने सोमवार को यह कहा.
यह कुर्की जैन के खिलाफ अवैध तरीके से 560 करोड़ रुपये से अधिक धन प्रेषण से जुड़ी जांच से संबद्ध है. वह भारत और अन्य देशों में गठित विभिन्न मुखौटा कंपनियों के जरिये कोष को बाहर भेजना और फिर उसे विभिन्न तरीके से वापस लाने की गतिविधियों में कथित रूप से शामिल था.
ईडी के अनुसार धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत चल और अचल संपत्तियां अस्थायी तौर पर कुर्क की गयी हैं. इसमें दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में रिहायशी परिसर, परियोजना से जुड़ी जमीन और औद्योगिक भूखंड शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा इन संपत्तियों का कुल मूल्य 65.75 करोड़ रुपये है और यह विमल कुमार जैन, सुनीता जैन, विजय अग्रवाल और कंपनियों के नाम पर हैं जिनका नियंत्रण नरेश जैन के पास है. इन कंपनियों में ग्राफिक बिल्डकॉन प्राइवेट लि., एरो बिल्डटके प्राइवेट लि., सीजन बिल्डटेक प्राइवेट लि. और कोणार्क क्राफ्ट प्राइवेट लि. शामिल हैं. जांच एजेंसी ने 62 साल के जैन को पीएमएलए के तहत पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया था.
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ईडी के अनुसार जांच में पाया गया कि कुल 565 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई कमीशन के तौर पर नरेश जैन और उसके सहयोगियों के पास आई. उन्होंने ये कमीशन हवाला और अपनी मुखौटा कंपनियों के जरिये धन की हेराफेरी करके प्राप्त किये. केंद्रीय जांच एजेंसी ने नरेश जैन और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराधा शाखा की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया है.
जांच में पाया गया कि नरेश जैन, बिमल कुमार जैन और नरेश जैन के कर्मचारियों तथा अन्य ने आपराधिक साजिश रची और धोखाधड़ी की.