कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता कुंतल घोष को गिरफ्तार किया. सूत्रों ने कहा कि घोष को कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में न्यू टाउन में चिनार पार्क में उनके दो आवासों में से एक से गिरफ्तार किया गया, जहां केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह से लगभग 24 घंटे तक छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया. गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किए जाने बाद उन्हें 14 दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया गया.
उन्हें शीघ्र ही साल्ट लेक स्थित केंद्र सरकार कार्यालय (CGO) परिसर में ईडी कार्यालय ले जाया जाएगा. ईडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ भी की. हालांकि उनके दो आवासों से नकदी जब्ती की कोई खबर नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं. जब्त दस्तावेजों की प्रकृति का पता लगाया जाना है. भर्ती घोटाले में समानांतर जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारी घोष से पहले ही दो बार पूछताछ कर चुके हैं.
ऑल बंगाल टीचर्स ट्रेनिंग अचीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस मंडल द्वारा सीबीआई को दिए गए बयान के बाद उनसे पूछताछ की गई थी, जो कि पश्चिम बंगाल में निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों का एकछत्र संगठन है, जिसमें घोष को 19 करोड़ रुपये की राशि मिली थी. इस मामले में ईडी के पूरक आरोप पत्र में शामिल मोंडल तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष मणि भट्टाचार्य के बेहद करीबी सहयोगी थे, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं.
वहीं सीबीआई के अनुसार, 2014 और 2021 के बीच पूरे पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए टीएमसी नेताओं द्वारा कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई गई थी. बंगाल के निजी संचालित कॉलेजों और संस्थानों के संघ के अध्यक्ष तपस मंडल ने सीबीआई द्वारा पूछताछ के दौरान कुंतल घोष पर नौकरी चाहने वालों से पैसे उगाहने का आरोप लगाया था. पिछले साल, राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कक्षा नौ से 12वीं के लिए स्कूल सेवा आयोग की भर्ती में गिरफ्तार किया गया था, जिससे ममता बनर्जी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी.
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