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प. बंगाल टीचर भर्ती घोटाला: मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी गिरफ्तार

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Published : Jul 23, 2022, 10:35 AM IST

Updated : Jul 23, 2022, 4:58 PM IST

ईडी की टीम ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता में उनके आवास से गिरफ्तार किया. वहीं, ईडी ने चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में ले लिया, जिनके एक परिसर से 21 करोड़ रुपये नकद राशि जब्त की गई थी. ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि चटर्जी हमारे अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे जो उनसे शुक्रवार सुबह से पूछताछ कर रहे थे.' गिरफ्तार किए जाने के बाद राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया.

शिक्षक भर्ती घोटाला मामला
शिक्षक भर्ती घोटाला मामला

कोलकाता :प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्कूल शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी गिरफ्तार को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. ईडी के अधिकारी ने कहा, 'चटर्जी हमारे उन अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे जो उनसे शुक्रवार सुबह से पूछताछ कर रहे थे.' गिरफ्तारी के बाद ईडी ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में पेश किया.

जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी से जांच के सिलसिले में शुक्रवार सुबह से पूछताछ की जा रही थी. उन्हें करीब 26 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. इससे पहले ईडी ने चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को हिरासत में लिया था, जिनके एक परिसर से 21 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी. बाद में उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, 'हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं. हम उचित समय पर इस मामले पर बयान जारी करेंगे.' इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को विधानसभा के किसी सदस्य को गिरफ्तार करने से पहले अध्यक्ष को इसके बारे में सूचित करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'ईडी या सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) को किसी भी सांसद या विधायक को गिरफ्तार करते समय लोकसभा या विधानसभा के अध्यक्ष को सूचित करना होता है. यह संवैधानिक नियम है, लेकिन चटर्जी की गिरफ्तारी के बारे में ईडी से मुझे कोई सूचना नहीं मिली.'

चटर्जी को जोका स्थित एक ईएसआई अस्पताल ले जाया गया और उनकी चिकित्सकीय जांच की गई. चटर्जी जब अस्पताल से बाहर आ रहे थे, तब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की. इसके जवाब में चटर्जी ने कहा, 'मैंने कोशिश की थी, लेकिन मेरा (उनसे) संपर्क नहीं हो सका.' वर्ष 2014 से 2021 तक राज्य के शिक्षा मंत्री रहे चटर्जी से इस साल अप्रैल और मई में सीबीआई ने भी इस घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की थी.

भाजपा ने सीएम ममता से मांगा जवाब
विपक्षी भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर इस घटनाक्रम के बाद निशाना साधा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जवाब मांगा. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, 'मुख्यमंत्री को एक कैबिनेट मंत्री की गिरफ्तारी को लेकर बयान जारी करना चाहिए. यह गिरफ्तारी साबित करती है कि तृणमूल गहराई तक भ्रष्टाचार में डूबी है.'

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वहीं, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि चटर्जी की गिरफ्तारी तृणमूल नेताओं द्वारा अपनाए गए 'विकास के बंगाल मॉडल' को दर्शाती है. उन्होंने कहा, 'तृणमूल के मंत्रियों और नेताओं की भ्रष्टाचार में संलिप्तता 'विकास के बंगाल मॉडल' का उदाहरण है. जब्त की गई 21 करोड़ रुपये की नकद राशि तो इसका छोटा सा हिस्सा है. मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए.'

Last Updated : Jul 23, 2022, 4:58 PM IST

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