गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण विकास को गति देता है और उन्हें सशक्त बनाने का सबसे प्रभावी तरीका महिला नीत विकासात्मक दृष्टिकोण है. जी20 की भारत की अध्यक्षता में गुजरात की राजधानी गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित महिला सशक्तीकरण मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को पीएम मोदी ने डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि जब महिलाएं समृद्ध होती हैं, तो दुनिया समृद्ध होती है.
उन्होंने मौजूदा परिदृश्य में महिला उद्यमियों को समान अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य समान अवसर मुहैया कराने वाला मंच बनाने का होना चाहिए जहां महिलाओं द्वारा उपलब्धि हासिल करना सामान्य बात हो जाए. हमें उन बाधाओं को दूर करने पर काम करना चाहिए जो बाजार, वैश्विक मूल्य श्रृंखला तथा किफायती वित्त तक उनकी पहुंच को रोकती हैं.
उन्होंने कहा कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण विकास को गति देता है. शिक्षा तक उनकी पहुंच वैश्विक प्रगति को बढ़ावा देती है. उनका नेतृत्व समावेशिता बढ़ाता है और उनकी आवाज सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करती है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि महात्मा गांधी का मशहूर चरखा गंगाबेन नाम की महिला को पास के गांव में मिला था. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने का सबसे प्रभावी तरीका महिला नीत विकास का दृष्टिकोण है. भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खुद एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की है. वह साधारण जनजातीय पृष्ठभूमि से आती हैं, लेकिन अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करती हैं और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रक्षा बल की पदेन प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि भारत में शुरुआत से ही महिलाओं को वोट देने तथा चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है. उन्होंने बताया कि भारत में ग्रामीण स्थानीय निकायों में 46 फीसदी यानी कि 14 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि महिलाएं हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में 80 फीसदी से अधिक नर्स और दाई (मिडवाइफ) महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान अग्रिम मोर्चे पर काम करने के लिए उनकी उपलब्धियों पर देश को गर्व है. उन्होंने कहा कि महिला नीत विकास भारत में हमारे लिए अहम प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत करीब 70 फीसदी कर्ज महिलाओं को दिए गए हैं. इसके तहत छोटे स्तर के उद्यमों को सहयोग देने के लिए 10 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाता है.