नई दिल्ली :राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच भारत ने एक बार फिर पड़ोसी देश श्रीलंका के साथ सहानुभूति दिखाई है. श्रीलंका में विकास पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका भारत का पड़ोसी देश है. दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रिश्ते के साथ भारत श्रीलंका में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का समर्थन करता है.
इस बीच, श्रीलंकाई अधिकारियों ने पूरे देश में हिंसा और विरोध को रोकने के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है. सोमवार रात को प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आवास को घेरकर आगजनी की थी. मंगलवार सुबह श्रीलंका की सेना ने कड़ी सुरक्षा के बीच महिंदा राजपक्षे को उनके घर से निकाला. श्रीलंका में आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और श्रीलंकाई लोगों को दवाओं, दूध पाउडर, रसोई गैस, मिट्टी के तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है. महंगाई और जरूरी सामान की किल्लत से जूझ रहे सैंकड़ों प्रदर्शनकारी पिछले महीने से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि नेबरहुड फर्स्ट की नीति को ध्यान में रखते हुए, भारत ने श्रीलंका के लोगों की मौजूदा कठिनाइयों को खत्म करने के लिए इस वर्ष 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है. इसके अलावा, भारत के लोगों ने भोजन, दवा आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी को दूर करने में सहायता की है. उन्होंने कहा, भारत हमेशा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से श्रीलंका के लोगों की हितों का ख्याल रखेगा.