सिलीगुड़ी : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूच बिहार में गोलीबारी की घटना को 'नरसंहार' करार देते हुए रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग ने 72 घंटे के लिए जिले में नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि वह 'तथ्यों को दबाना' चाहता है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि केंद्रीय बलों ने राज्य विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान सीतलकूची इलाके में लोगों के 'शरीर के धड़ को निशाना बना कर गोलियां चलाईं.'
तथ्यों को दबाने की कोशिश
बनर्जी ने कहा, 'सीतलकूची में नरसंहार से कम कुछ भी नहीं हुआ. मैं 14 अप्रैल तक सीतलकूची जाना चाहती हूं. आयोग कूच बिहार में प्रवेश को प्रतिबंधित करके तथ्यों को दबाने की कोशिश कर रहा है. हमारा एक अक्षम (केंद्रीय) गृह मंत्री और अक्षम केंद्र सरकार है.'
पुलिस ने कहा था कि कूच बिहार जिले में शनिवार को स्थानीय लोगों द्वारा कथित तौर पर हमला किए जाने के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने गोलीबारी की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. ऐसा कहा जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने सीआईएसएफ जवानों की राइफलों को छीनने की कोशिश कीं.
बनर्जी ने कहा, 'सीआईएसएफ को स्थितियों से निपटना नहीं आता. मैं चुनाव के पहले चरण से कह रही हूं कि केंद्रीय बलों का एक हिस्सा लोगों पर अत्याचार कर रहा है. मैंने नंदीग्राम में भी यह मामला उठाया था, लेकिन किसी ने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया.'
'निर्वाचन आयोग सिर्फ एक राजनीतिक दल के लिए कर रहा काम'
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग सिर्फ एक राजनीतिक दल के हित में काम कर रहा है. उन्होंने कहा, 'यह (निर्वाचन आयोग) चुनावों के लिए सुस्थापित नियमों को बदल रहा है. आयोग का मैं बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन हालिया घटनाक्रमों ने मुझे दुखी कर दिया.'
उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ निर्धारित प्रक्रियाएं हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, 'कूच बिहार में इनमें से किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. आंसू गैस के गोले छोड़ने या भीड़ पर लाठी चार्ज करने की कोई कोशिश नहीं की गई.'
उन्होंने सीतलकूची में मारे गए एक व्यक्ति के भाई से संवाददाता सम्मेलन के बीच में वीडियो कॉल पर बात भी की और शोक संतप्त परिवार को सभी प्रकार की मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया.