हैदराबाद :तेलंगाना चुनाव से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) ने एक अहम फैसला लिया है. उसने सहायता वितरण के लिए 'रायथुबंधु' की अनुमति वापस ले ली है. इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. EC ने तीन दिन पहले तेलंगाना सरकार को इस महीने की 28 तारीख से पहले रायथु बंधु को वितरित करने की अनुमति दी थी.
बीआरएस ने भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह रायथु बंधु योजना के तहत वित्तीय सहायता वितरित करने के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अपनी अनुमति को वापस लेने पर पुनर्विचार करें.
ईसी के आदेश में कहा गया कि निर्णय वापस ले लिया गया क्योंकि इसने चुनाव संहिता के संदर्भ में नियमों का उल्लंघन किया. चुनाव आयोग ने पहले ही शर्त लगा दी थी कि चुनाव प्रचार बैठकों में रायथुबंधु का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि हाल ही में चुनाव आयोग ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि रायथुबंधु पर मंत्री हरीश राव की टिप्पणी चुनाव नियमों के खिलाफ थी.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार रात को यासांगी (रबी) सीज़न के लिए रायथुबंधु योजना के तहत निवेश सहायता के वितरण की अनुमति दी थी. साथ ही यह स्पष्ट किया था कि भुगतान इस महीने की 28 तारीख तक किया जाना चाहिए.
सरकार हर साल किसानों के खाते में प्रति सीजन 5,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से दो सीज़न के लिए निवेश सहायता 10,000 रुपये सीधे जमा करती है. राज्य में बरसात के मौसम के साथ-साथ यासंगी सीज़न की शुरुआत से पहले धन जारी करने किया जाता है. इस बार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू होने के कारण सरकार ने यासांगी सीजन के लिए फंड जमा नहीं किया.