नई दिल्ली : भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC), और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का दर्जा रद्द कर दिया.
चुनाव आयोग ने जुलाई 2019 में इन तीनों दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उनसे यह बताने के लिए कहा गया था कि लोकसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के बाद उनकी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा क्यों नहीं रद्द कर दिया जाना चाहिए?. आयोग ने कहा कि 'आप' को चार राज्यों दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी के रूप में नामित किया गया है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है.
पोल पैनल ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के रूप में एनसीपी, सीपीआई और तृणमूल कांग्रेस का दर्जा वापस ले लिया जाएगा. भाजपा, कांग्रेस, माकपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और आप अब राष्ट्रीय दल हैं. उधर, सूत्रों का कहना है कि फैसले को चुनौती देने के लिए TMC कानूनी विकल्प तलाश रही है.
इनका राज्य पार्टी का दर्जा भी रद्द :आयोग ने सोमवार को जारी एक आदेश में उत्तर प्रदेश में रालोद, आंध्र प्रदेश में बीआरएस, मणिपुर में पीडीए, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी और मिजोरम में एमपीसी को दिया गया राज्य पार्टी का दर्जा भी रद्द कर दिया.
आप को इसलिए मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा :आप दिल्ली और पंजाब में बड़े बहुमत और बहुत बड़े वोट शेयर के साथ सत्ता में है. मार्च में हुए गोवा विधानसभा चुनाव में उसे 6.77% वोट मिले थे. पिछले साल हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी.
नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में इनको मिला राज्य दल का दर्जा :आयोग ने कहा कि एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर क्रमशः नगालैंड और मेघालय में राज्य दलों के रूप में मान्यता दी जाएगी. आयोग ने नागालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), मेघालय में वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी और त्रिपुरा में टिपरा मोथा को 'मान्यता प्राप्त राज्य राजनीतिक दल' का दर्जा दिया.
क्या हैं राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के मानक?चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 6बी के तहत किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में तब मान्यता मिलती है जब वह चार या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी हो. अगर उसके उम्मीदवारों को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार या अधिक राज्यों में कम से कम 6% वैध वोट मिले हैं और उसके पिछले चुनाव में कम से कम चार सांसद चुने गए हों. इसके अलावा अगर कोई पार्टी कुल लोकसभा सीटों में कम से कम तीन राज्यों में 2% सीटें जीतती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है.
आप ने किया फैसले का स्वागत :चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए 'आप' सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. देश के सभी करोड़ों लोगों को बहुत-बहुत बधाई जो हमें यहां ले गए हैं. लोग हमसे काफी उम्मीदें रखते हैं. आज लोगों ने हमें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है, भगवान हमें इस जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाने का आशीर्वाद दें.'
टीएमसी ने ये दी प्रतिक्रिया :टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने टीएमसी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिनने पर कहा कि 'तृणमूल कांग्रेस ने कई बाधाओं को पार किया है, हम इसे भी दूर करेंगे. हम वही करते रहेंगे जो हमें करना है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.'
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