नई दिल्लीः निर्वाचन आयोग (election commission ) ने शनिवार को पांच चुनावी राज्यों (Poll-bound States) में रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया, लेकिन मतदान के पहले दो चरणों वाले निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम 500 लोगों के साथ सार्वजनिक सभा करने की अनुमति प्रदान कर दी और घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने के लिए नियमों में भी ढील दे दी.
आयोग ने एक बयान में कहा कि घर-घर प्रचार अभियान में सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर अब पांच व्यक्तियों की जगह 10 लोग शामिल हो सकेंगे. इसने कहा कि 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार 28 जनवरी से 500 लोगों की सीमा के साथ जनसभा कर सकते हैं और 14 फरवरी को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए ऐसी बैठकें एक फरवरी से की जा सकती हैं. प्रचार के लिए वीडियो वैन को भी कोविड-19 (Covid pandemic) प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर अनुमति दी गई है. निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए 15 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और बाइक रैलियों तथा इस तरह के अन्य प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.
आयोग ने 15 जनवरी को इन प्रतिबंधों को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था. हालांकि, इसने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 लोगों या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक इनडोर बैठकें आयोजित करने की छूट दी थी. वर्तमान स्थिति, तथ्यों और परिस्थितियों तथा साथ ही शनिवार को विभिन्न वर्चुअल बैठकों में प्राप्त इनपुट पर विचार करने के बाद, आयोग ने कहा कि उसने निर्णय लिया है कि 31 जनवरी तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल, बाइक या वाहन रैलियों और जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी.
चूंकि पहले चरण के चुनाव के लिए 27 जनवरी को उम्मीदवार अंतिम रूप से तय हो जाएंगे, इसलिए आयोग ने संबंधित राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 28 जनवरी से आठ फरवरी तक 'भौतिक रूप से सार्वजनिक बैठकें' करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है जिनके लिए 'अधिकतम 500 व्यक्तियों या 50 प्रतिशत क्षमता के साथ निर्दिष्ट खुले स्थान पर' या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एसडीएमए) द्वारा निर्धारित सीमा, जो भी कम हो, का मानदंड होगा. हालांकि मतदान से पहले के 48 घंटे में चुनाव प्रचार पर जो रोक रहती है, वह जारी रहेगी.