दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

EC, उच्च अदालतें और सरकार कोरोना संक्रमण का अनुमान लगाने में विफल रही : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग (EC), उच्च अदालतें और सरकार कुछ राज्यों और उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने के दौरान कोरोना संक्रमण की भयावहता का अनुमान (थाह) लगाने मे विफल रही है. जस्टिस सिद्धार्थ ने गाजियाबाद के एक व्यक्ति को एक निश्चित अवधि के लिए अग्रिम जमानत देते हुए यह टिप्पणी की.

By

Published : May 12, 2021, 11:30 AM IST

Updated : May 12, 2021, 11:49 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग, उच्च अदालतें और सरकार कुछ राज्यों और उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने के दौरान कोरोना संक्रमण की भयावहता का अनुमान (थाह) लगाने मे विफल रही है.

हाईकोर्ट ने कहा कि पिछले साल पहली लहर में कोरोना संक्रमण ग्रामीण क्षेत्र में नहीं फैला था, लेकिन दूसरी लहर में यह गांवों तक फैल चुका है. सरकार शहरी एरिया के संक्रमण को नियंत्रित करने में परेशान है. उसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण का टेस्ट कर पता लगाकर इलाज कर पाना बेहद कठिन होगा.

गाजियाबाद के प्रतीक जैन नाम के एक व्यक्ति को एक निश्चित अवधि के लिए अग्रिम जमानत देते हुए जस्टिस सिद्धार्थ ने यह टिप्पणी की. उन्होंने फैसला दिया है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते और जेलों में भीड़-भाड़ होने से आरोपी के जीवन को जेल में खतरा उत्पन्न हो सकता है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे में इस संक्रमण के दौरान आरोपी को सीमित अवधि के लिए अग्रिम जमानत देना उचित है, जिससे कि जेल में कोरोना वायरस न फैल सके.

याची प्रतीक जैन एक धोखाधड़ी केस में आरोपी बनाया गया है. कोर्ट ने कहा कि यदि याची जैन गिरफ्तार होता है तो उसे सीमित अवधि तीन जनवरी 2022 तक अग्रिम जमानत दिया जाए. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जेलों में भीड़ भाड़ रोकने के लिए निर्देश दिया है. ऐसे में इस निर्देश की अनदेखी कर जेलों में भीड़ भाड़ बढ़ाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है.

यह भी पढ़ें-कोविड में कथित अपराधी को अग्रिम जमानत दी जा सकती है : इलाहाबाद हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील भी यह आश्वासन नहीं दे पा रहे हैं कि आरोपी को जेल में जाने से उसे कोरोना महामारी संक्रमण के खतरे से बचाव किया जा सकेगा. कोर्ट ने कहा कि असाधारण परिस्थिति में असाधारण उपचार की आवश्यकता होती है. कोर्ट ने कहा कि जेल में जाने से जेल के अंदर सम्पर्क में आने वालों के साथ इस महामारी के फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि इस असाधारण परिस्थिति में आरोपी को अग्रिम जमानत मंजूर करने का पर्याप्त आधार है.

Last Updated : May 12, 2021, 11:49 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details