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महाराष्ट्र उपचुनाव में शिवसेना के नाम, चुनाव चिह्न का उपयोग नहीं कर सकेंगे ठाकरे-शिंदे गुट

निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने ठाकरे और शिंदे दोनों गुटों को पार्टी के नाम शिवसेना और उसके धनुष और तीर चुनाव चिह्न का उपयोग करने से रोक दिया है (ec bars both thackeray and shinde factions). आयोग ने कहा कि उपचुनाव में शिवसेना के दोनों गुट नए नामों का चयन कर सकते हैं, उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर.

Election Commission
शिवसेना विवाद

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Published : Oct 8, 2022, 9:54 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 10:41 PM IST

नई दिल्ली : असली शिवसेना कौन है, 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न का उपयोग करने का वास्तव में कौन हकदार है इसको लेकर घमासान छिड़ा है. इस बीच निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों गुटों द्वारा पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी है.

पार्टी के दोनों गुटों द्वारा नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में एक अंतरिम आदेश जारी करके निर्वाचन आयोग ने दोनों से कहा है कि वे सोमवार तक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तीन-तीन नये नाम और चुनाव चिह्न सुझाएं.

आयोग दोनों गुटों द्वारा सुझाए गए नामों और चुनाव चिह्नों में से उन्हें किसी एक का उपयोग करने की अनुमति देगा. अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव नजदीक आने की स्थिति में शिंदे गुट द्वारा अनुरोध किए जाने पर आयोग ने अंतरिम आदेश जारी किया है. इस पर उद्धव ठाकरे धड़े के अंबादास दानवे ने कहा कि अंधेरी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए शिवसेना के चुनाव चिह्न पर रोक लगाने का निर्वाचन आयोग का अंतरिम आदेश अन्याय है.

दरअसल चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट (uddhav faction) को पार्टी के चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' (shiv sena poll symbol) को लेकर दावे के संबंध में 8 अक्टूबर तक जवाब देने के लिए कहा था. इसी के तहत उद्धव गुट ने शनिवार को ईसी को दस्तावेज सौंपे.

एकनाथ शिंदे के भाजपा के साथ आने के बाद असली शिवसेना कौन है, 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न का उपयोग करने का वास्तव में कौन हकदार है. इसको लेकर बहस छिड़ गई है. अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में ये तय किया जाना जरूरी है कि असली चुनाव चिह्न का हकदार कौन है. अब ईसी ने उपचुनाव में दोनों गुटों के इसके इस्तेमाल से रोक दिया है.

इससे पहले मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उद्धव ठाकरे गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सनी जैन (Advocate Sunny Jain) ने कहा, 'कल हमने अपना प्रारंभिक जवाब दाखिल किया और आज भी हमने जवाब दाखिल किया. हमने अपने राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के हलफनामे जमा कर दिए हैं. 2.5 लाख से अधिक हलफनामे नियत समय में जमा किए जाएंगे.'

उन्होंने कहा, '10-15 लाख प्राथमिक सदस्यता फॉर्म भी जमा किए जाएंगे. शपथ पत्र और अन्य चीजें जमा करने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा गया है.' उद्धव खेमे की प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खेमे के शुक्रवार को पोल बॉडी से मिलने के बाद पार्टी के 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न के लिए दावा करने के बाद आई है.

शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की चुनाव आयोग के साथ बैठक के बाद चुनाव आयोग ने उद्धव खेमे को आठ अक्टूबर तक जवाब देने को कहा था. शिवसेना में चुनाव चिह्न की लड़ाई तब शुरू हुई जब शिंदे गुट ने बगावत कर दिया. इसके बाद एमवीए गठबंधन सरकार चली गई. एकनाथ शिंदे अब महाराष्ट्र के सीएम हैं और देवेंद्र फडणवीस उनके डिप्टी. उद्धव खेमे के नेतृत्व वाले गुट ने शिंदे पर विश्वासघात का आरोप लगाया है. तब से, इस मामले पर कि वास्तव में पार्टी का चुनाव चिह्न कौन हासिल करता है, इस पर बहुत ध्यान दिया गया है.

पढ़ें- शिंदे खेमा का 'तीर धनुष' चुनाव चिह्न पर दावा, आयोग ने ठाकरे गुट से मांगा जवाब

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Last Updated : Oct 8, 2022, 10:41 PM IST

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