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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, 10 फरवरी से सात चरण में मतदान, 10 मार्च को नतीजे - मतगणना की तारीख

विधानसभा चुनाव
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Published : Jan 8, 2022, 3:33 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 6:27 PM IST

17:01 January 08

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की

14:56 January 08

पदयात्रा, रोड शो, साइकिल, बाइक रैली पर 15 जनवरी तक रोक

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा

नई दिल्ली :निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रमों की घोषणा कर दी. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत 10 फरवरी से लेकर सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा, वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा और इन सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 मार्च को होगी.

आयोग की इस घोषणा के साथ ही इन पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी. आयोग ने यह भी कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार किसी भी तरह की रैली या जनसभा, रोड शो, पद यात्रा या साइकिल या बाइक रैली या फिर नुक्कड़ सभाओं जैसे आयोजन 15 जनवरी तक नहीं कर सकेगा.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चुनाव संबंधी तारीखों की घोषणा की. इस अवसर पर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूपचंद्र पाडेय सहित निर्वाचन आयोग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चुनावी प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा और इसमें हिस्सा लेने वाले सभी कर्मियों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएगी.

उन्होंने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर सेनिटाइजर और मास्क जैसी कोविड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और मतदाता केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. चंद्रा ने कहा कि कोरोना के मद्देनजर कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार कोई भी रैली या जनसभा, रोड शो, पद यात्रा या साइकिल या बाइक रैली या फिर नुक्कड़ सभाओं जैसे आयोजन 15 जनवरी तक नहीं कर सकेगा. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी तक कोरोना की स्थिति की समीक्षा के बाद इसके बारे में आगे का फैसला लिया जाएगा.

उन्होंने कहा, 'आयोग ने फैसला किया है कि 15 जनवरी तक लोगों की शारीरिक रूप से मौजूदगी वाली कोई जनसभा (फिजिकल रैली), पदयात्रा, साइकिल रैली, बाइक रैली रोडशो की अनुमति नहीं होगी...आगे चुनाव आयोग कोविड महामारी की स्थिति की समीक्षा करेगा और इसके मुताबिक निर्देश जारी करेगा.'

चंद्रा ने कहा कि रात आठ बजे से सुबह बजे के बीच कोई सभा नहीं होगी. सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी. चुनाव नतीजों के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि सभी राज्यों को यह हलफनामा देना होगा कि वे सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वाले कानूनी कार्रवाई के भागी होंगे. उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा डिटिजल चुनाव प्रचार हो.

मुख्य चुनाव आयुक्त से प्रश्न किया गया कि विशेषज्ञों का अनुमान है कि महामारी की तीसरी लहर फरवरी महीने में अपने चरम पर होगी, ऐसे में आयोग ने 15 जनवरी तक ही प्रतिबंध की सीमा को क्यो रखा? इसके जवाब में चंद्रा ने कहा कि स्थितियां अभूतपूर्व हैं और कोई भी यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि उस समय क्या स्थिति रहेगी.

उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण, 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, तीन मार्च को छठे चरण और सात मार्च को सातवें चरण का मतदान होगा.

गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने अकेले 312 और उसके सहयोगियों ने 13 सीटें जीती थीं जबकि प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी को सिर्फ 47 सीटों पर जीत मिली थी. वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को भारी जीत मिली थी.

जिन पांच राज्यों में आज चुनाव के कार्यक्रमों की घोषण की गई, उनमें पंजाब को छोड़कर शेष सभी राज्यों में भाजपा की सत्ता है. पंजाब में कांग्रेस का शासन है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को पूरा हो रहा है, जबकि उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो रहा है. गोवा विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च और मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च को समाप्त हो रहा है. चुनावों की घोषणा के साथ ही सभी पांच राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो गई.

नए साल के शुरुआती महीनों में होने वाले इन विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पांच राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगा, जिसमें 18.34 करोड़ से अधिक लोग भागीदारी कर सकेंगे. इन 18.34 करोड़ मतदाताओं में से 8.55 करोड़ मतदाता महिला हैं. इसके लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 2,15,368 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. कुल 690 निर्वाचन क्षेत्रों में से 133 सीटें अनुसूचित जातियों और 23 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं.

प्रमुख बातें-

  • उम्मीदवार 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे.
  • पदयात्रा, रोड शो, साइकिल, बाइक रैली पर 15 जनवरी तक रोक.
  • ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल कार्यक्रम करने पर जोर
  • जीत के बाद जुलूस निकालने पर रोक रहेगी.
  • रात 8 बजे के बाद चुनाव प्रचार पर रोक.
  • सिर्फ पांच लोग ही डोर-टू-डोर प्रचार कर सकेंगे.
  • प्रचार के दौरान कोविड नियमों का पालन अनिवार्य.
  • इस बार 18.3 करोड़ मतदाता चुनाव में मतदान करेंगे
  • पांच जनवरी को मतदाता सूची प्रकाशित हुई
  • यूपी में 29 प्रतिशत नए मतदाता पहली बार वोट करेंगे.
  • महिला वोटरों की भागीदारी बढ़ी.
  • हर बूथ पर 1250 मतदाता वोट डाल सकेंगे.
  • उम्मीदवार को आपराधिक रिकॉर्ड बताना होगा.
  • सभी कार्यक्रमों की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी.
  • सभी एजेंसियों का अलर्ट कर दिया गया
  • ऑनलाइन नामांकन कर सकेंगे उम्मीदवार
  • सुविधा ऐप के जरिए ऑनलाइन नामांकन होगा.
  • चुनाव नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई होगी.
  • कोरोना गाइडलाइंस के हिसाब के चुनाव कराए जाएंगे.
  • Cvigil ऐप पर शिकायत दर्ज की जाएगा.
  • सभी चुनावकर्मियों को कोविड टीके के दोनों डोज लगी होगी.
  • हर बूथ पर मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य
  • पोलिंग बूथ में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी
  • पर्यवेक्षक चुनाव की निगरानी करेंगे.
  • संवेदनशील बूथों की वेब कॉस्टिंग होगी.
  • पोलिंग बूथ पूरी तरह सैनिटाइज होंगे.
  • सभी चुनाव कर्मी फ्रंटलाइन वर्कर होंगे.
  • मतदान का समय एक घंटे अधिक होगा.

यह भी पढ़ें-

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022)

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटें हैं. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे ज्यादा 312 सीटें जीतकर सत्ता पर काबिज हुई थी. जबकि 2012 में सरकार बनाने वाली समाजवादी पार्टी महज 47 सीटों पर सिमट गई. वहीं बसपा सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई.

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022)

पंजाब में 117 विधानसभा सीटें हैं, 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में 77 सीटें जीतकर 10 साल बाद सत्ता में वापसी की थी. वहीं आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बना और 10 साल तक सत्ता पर काबिज रही शिरोमणि अकाली दल सिर्फ 18 सीटों पर सिमट गई.

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (Uttarakhand Assembly Election 2022)

उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटें हैं. साल 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 57 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ 11 सीटें ही जीतने में कामयाब रही थी.

गोवा विधानसभा चुनाव 2022 (Goa Assembly Election 2022)

2017 में 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में कांग्रेस 17 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट नहीं रख पाई. नतीजतन गोवा में बीजेपी की सरकार बन गई. बीजेपी ने साल 2017 में मात्र 13 सीटें जीती थीं.

मणिपुर विधानसभा चुनाव 2022 (Manipur Assembly Election 2022)

मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं. 2017 में कांग्रेस ने 28 और बीजेपी ने 21 सीटों पर जीत हासिल की थी. कोई भी दल अपने दम पर सरकार बनाने के लिए जरूरी 31 सीटों का जादुई आंकड़ा नहीं छू पाया. लेकिन मणिपुर में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब रही.

Last Updated : Jan 8, 2022, 6:27 PM IST

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