दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कहना आसान है जल्द सुनवाई करें, पर इतने जज कहां से आएंगे : सुप्रीम कोर्ट - अश्विनी उपाध्याय याचिका जल्द सुनवाई

सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई निश्चित अवधि में पूरी हो सके, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि आदेश देना आसान है, लेकिन इतने जज कहां से लाएं. पढ़ें पूरी खबर.

Etv bharat
सुप्रीम कोर्ट

By

Published : Aug 25, 2021, 5:40 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई में हो रही देरी में तेजी लाने का आदेश दिया जा सकता है, लेकिन उसे लागू करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि जजों की संख्या तो सीमित ही है.

एक याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति एनवी रमना ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबे समय तक तलवार लटकी नहीं रखी जा सकती है, इसलिए गैरवाजिब देरी से बचने के लिए एक नीति विकसित की जानी चाहिए.

अदालत ने कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का मनोबल गिराना नहीं चाहती है. लेकिन उनके द्वारा दाखिल जवाब में देरी की वजह को विस्तार से नहीं बताया जाता है. हम समझते हैं कि सीबीआई अदालतों में 300-400 तक मामले लंबित हैं, सारे मामले कैसे निपटेंगे. फिर भी 10-15 सालों तक आरोप-पत्रों का दाखिल नहीं करना कहीं से भी न्यायोचित नहीं जान पड़ता है. सिर्फ प्रोपर्टी को अटैच कर देने से उद्देश्य पूरा नहीं हो जाता है.

सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जांच पूरी करने और मुकदमे की समाप्ति के लिए एक आउटर सीमा (डेड लाइन) तय की जा सकती है. कोर्ट चाहे तो आदेश दे सकती है कि छह महीने में जांच पूरी करें. मुकदमे की सुनवाई पूरी करने के लिए भी समय निर्धारित की जा सकती है.

कोर्ट भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उन्होंने अपनी याचिका में सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी लाने का अनुरोध किया है.

अदालत ने याचिका की सुनवाई के दौरान सहमति तो दिखाई, लेकिन यह भी कहा कि इतने जज कहां से लाएंगे.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाएं कह सकती हैं कि उन्हें कितने मैनपावर की जरूरत है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमारी तरह ही वे भी मैनपावर की समस्याओं से जूझ रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details